नई दिल्ली । कोरोना के चलते बसों में सीमित यात्रियों के सफर करने से राजस्व प्रभावित हो रहा है। दिल्ली में डीटीसी से लेकर क्लस्टर स्कीम के तहत चलने वाली बसों के रोजाना के राजस्व में भारी कमी देखने को मिल रही है। कोरोना काल में रोजाना लगभग 60 लाख रुपए का राजस्व कम हुआ है। इस समय दिल्ली में क्लस्टर स्कीम के तरह चलने वाली बसों को भी राजस्व का नुकसान उठाना पड़ रहा है। क्लस्टर बसों का राजस्व काफी प्रभावित हुआ है। क्लस्टर की लगभग 2700 बसों में कोरोना काल से पहले 15 लाख से ज्यादा यात्री सफर करते थे। अब यात्रियों की संख्या काफी कम हो गई है। कोरोना काल में लॉकडाउन के बाद जब दोबारा मई से बसों का परिचालन शुरू हुआ तो बस के अंदर यात्रियों की संख्या सीमित कर दी गई। एक बस में कंडक्टर और चालत सहित केवल 20 लोगों को सफर की अनुमति मिली। इस कारण बसों में यात्रियों की संख्या बेहद घट गई। दस लाख के करीब यात्रियों की संख्या प्रभावित हुई है। इस कारण रोजाना 60-65 लाख का राजस्व रोजाना का प्रभावित हो रहा है। आंकड़ों के अनुसार, फरवरी महीने में बस में सफर करने वाले यात्रियों की संख्या 15 लाख से ज्यादा थी। वहीं, वर्तमान में साढ़े पांच लाख ही यात्री रोजाना बस में सफर कर रहे हैं।
रीजनल नार्थ
कोरोना काल में बसों का रोजाना 60 लाख रुपए का राजस्व घटा