मुंबई,। कोरोना महामारी के चलते महाराष्ट्र में मार्च महीने से धार्मिक स्थलों के द्वार बंद हैं. भाजपा लगातार मंदिरों के द्वार खोलने के लिए सरकार पर दवाब बना रही है. अब महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (एमएनएस) भी इसमें कूद गई है. मनसे प्रमुख राज ठाकरे ने इस संदर्भ में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को पत्र लिखा है. पत्र में उन्होंने धार्मिक स्थलों को नहीं खोलने के निर्णय पर निराशा जताई. राज ठाकरे ने आरोप लगाते हुए पूछा, क्या सरकार हिंदुओं की भावनाओं के प्रति बहरी हो चुकी है?
अपने पत्र में उन्होंने सरकार से पूछा, "मंदिर खोलने को लेकर इतना विरोध क्यों हो रहा है? भगवान को चाहने वाले भक्तों को अभी तक उनसे इतना दूर क्यों रखा जा रहा है." राज ठाकरे ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर सरकार मंदिरों को खोलने में कामयाब नहीं हुई. तो भगवान के भक्त सारे नियम और बंदिशों को तोड़कर अपने इष्ट के दर्शन करने के लिए मंदिर की ओर मार्च करेंगे. वहीं राज ठाकरे ने शॉपिंग-माल्स और बाजार का हवाला देते हुए कहा, 'जब इन जगहों पर अनलॉक 1, 2 और 3 में छूट देकर 100 लोगों के जुटने की इजाजत दी है. तो फिर मंदिरों के लिए ऐसे ही प्रोटोकॉल बनाकर उन्हें क्यों नहीं खोला जा रहा.' राज ठाकरे ने अपने पत्र में मांग करते हुए कहा, 'सरकार मंदिरों में प्रवेश के लिए ऐसे ही नियम बनाए. जिससे आम जनता अपने भगवान के दर्शन कर सके.'
- राज ठाकरे ने की हिंदुओं की सराहना
मनसे प्रमुख राज ठाकरे ने हिंदुओं की सराहना करते हुए कहा, 'आषाढ़ी वती, गोविंदा और गणेश उत्सव जैसे हिंदू त्योहारों में लोगों ने सरकार के नियमों का पूरी तरह पालन किया है.' उन्होंने आगे कहा कि मुझे भरोसा है कि मेरे हिंदू भाई-बहन सरकार के द्वारा निर्धारित प्रोटोकॉल्स का पालन करेंगे. वहीं राज ठाकरे ने सरकार का ध्यान मंदिर के आसपास फूल-माला और प्रसाद की दुकान चलाकर अपनी जीविका चलाने वालों की ओर भी खीचा. उन्होंने सरकार से कहा कि वो धार्मिक क्षेत्र से जुड़े लोगों और पुजारियों की ओर अपना ध्यान खींचे. ताकि ये लोग भी अपनी रोजी-रोटी का जुगाड़ कर सके.
रीजनल वेस्ट
राज ठाकरे ने मंदिर खोलने को लेकर सीएम उद्धव को लिखा पत्र - पूछा- 'क्या हिंदुओं के प्रति सरकार उदासीन है?'