जिस तरह से जीभ अच्छे स्वाद का पता देती है उसी तरह ये अच्छे स्वास्थ्य का भी पता बता सकती है। हमारी जीभ का रंग देखकर हमारे स्वास्थ्य के बारे में बहुत कुछ बताया सकता है। अलग-अलग बीमारियों के लक्षणों के साथ हमारे जीभ का रंग भी बदलता रहता है। आप भी अपनी जबान का रंग देखकर रोगों के बारे में जानकारी ले सकते हैं।
सफेद छाले या लाल घाव
अगर जीभ पर सफेद छाले हो गए हैं या गहरे लाल रंग के छोटे-छोटे घाव दिख रहे हैं तो ये पेट की गड़बड़ी का संकेत है। हमारी जबान का सीधा संबंध हमारे पेट से है इसलिए पाचन की गड़बड़ी का परिणाम कई बार हमारे जीभ पर लाल और सफेद छालों के रूप में दिखता है। इसके अलावा ये हार्पीज नाम की गंभीर बीमारी का संकेत भी हो सकता है। इसलिए अगर ये छाले सामान्य उपचार से या अपने से एक सप्ताह तक ठीक नहीं हो रहे हैं तो डॉक्टर से संपर्क करें।
सफेद पर्त आ जाना
जीभ पर सफेद रंग की झीनी पर्त आम बात है और ये जीभ के स्वस्थ होने का लक्षण है। ये एक तरह की फफूंद होती है जिसे कैंडिडा कहते हैं और इससे जबान को कोई नुकसान नहीं पहुंचता है। लेकिन अगर ये रंग हल्का पीला हो जाए या इसकी पर्त मोटी हो जाए तो ये यीस्ट इंफेक्शन के लक्षण हैं। इसमें कैंडिडा ज्यादा मात्रा में प्रोड्यूस हो जाती है। कई बार एंटीबॉयोटिक दवाओं के ज्यादा इस्तेमाल से भी जबान पर ये पर्त जमने लगती है। असल में एंटीबायोटिक दवाओं से बैक्टीरिया मर जाते हैं लेकिन यीस्ट रह जाते हैं और वो शरीर में बैक्टीरिया की जगह लेने लगते हैं इसलिए ये पर्त जबान पर आ जाती है। कई बार ये रोग प्रतिरोधक प्रणाली की कमजोरी से भी होता है।
लाल रंग के छाले जैसे उभार
जीभ के नीचे या ऊपर लाल रंग के उभार कैंसर का संकेत हो सकते हैं। इन उभारों की शक्ल जबान पर होने वाले छालों जैसी ही होती है लेकिन ये उनसे थोड़ा बड़े होते हैं। इसके अलावा मुंह से सामान्य छाले ज्यादा से ज्यादा दो सप्ताह में खुद ही ठीक हो जाते हैं। अगर ये छालेनुमा उभार दो सप्ताह तक नहीं ठीक होते तो आपको बिना देरी किये डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। कई बार इन उभारों में आपको दर्द या कोई अन्य समस्या नहीं होती है फिर भी डॉक्टर से संपर्क करें। कई बार कैंसर जैसे गंभीर रोग शुरुआती स्टेज में शारीरिक तकलीफ नहीं देते हैं।
जीभ का ज्यादा लाल या मुलायम हो जाना
अगर आप की जबान का रंग गहरा लाल( स्ट्रॉबेरी रेड) हो गया है या ये बहुत मुलायम महसूस हो रही है, तो ये शरीर में विटामिन बी12 या आयरन की कमी का संकेत है। ऐसी स्थिति में कई बार गरम लिक्विड पीने या नमक, मिर्च वाला खाना खाने से मुंह में तेज दर्द होता है। वेजिटेरियन लोगों में अक्सर विटामिन बी12 की कमी होती है क्योंकि ये ज्यादातर मांस में पाया जाता है।
भूरे या काले रेशे
जीभ पर भूरे या काले रेशे देखने में जरूर खराब लगते हैं या ये किसी गंभीर बीमारी का संकेत लग सकते हैं लेकिन डॉक्टरों के अनुसार इसमें कोई चिंता की बात नहीं है। असल में हमारी जीभ पर छोटे-छोटे उभार होते हैं जिन्हें पैपिला कहा जाता है। आमतौर पर ये खाना चबाने या पानी पीने के दौरान टूटते रहते हैं इसलिए हमें पता नहीं चलता है। लेकिन कई बार ये उभार उम्र के साथ बढ़ते जाते हैं। इन्हीं पर बैक्टीरिया जम जाने के कारण जीभ का रंग भूरा या काला दिखने लगता है। इससे शरीर को कोई गंभीर नुक्सान तो नहीं होता लेकिन कई बार इसकी वजह से सांसों से बदबू आने लगती है या खानों का स्वाद कम मिल पाता है। इसे न जमने देने के लिए आपको रोज ब्रश से दांत साफ करने के साथ-साथ टंग क्लीनर से जीभ भी साफ करनी चाहिए।
सिकुड़न या रेखाएं
जीभ में गहरी रेखाएं दिखना आपकी बढ़ती उम्र की निशानी है। कई बार इन रेखाओं के गड्ढों में में खाया जाने वाला पदार्थ भर जाता है और निकल नहीं पाता, जिससे मुंह का इंफेक्शन हो जाता है और कई बार खाने-पीने में भी परेशानी होने लगती है। इससे बचने के लिए आपको पर्याप्त पानी पीना चाहिए और रोज मुंह की अच्छे से सफाई करनी चाहिए।
आरोग्य
जीभ का रंग भी बता देता है बीमारियां