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प्रियंका अब भी गाएंगी स्मृति के खिलाफ लिखा गीत ... क्योंकि मंत्री भी कभी ग्रेजुएट थी

प्रियंका अब भी गाएंगी स्मृति के खिलाफ लिखा गीत ... क्योंकि मंत्री भी कभी ग्रेजुएट थी

 कांग्रेस की हाई प्रोफाइल प्रवक्ता प्रियंका चतुर्वेदी ने शुक्रवार को पार्टी से इस्तीफा देकर शिवसेना का दामन थाम लिया है। शिवसेना में शामिल होते ही प्रियंका चतुर्वेदी ने सबसे पहले एक ऐसे सवाल का सामना किया, जो हर कोई पूछना चाह रहा था। जब उनसे पूछा गया कि क्या केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी को लेकर उन्होंने जो गाना बनाया था, वह अब भी गाएंगी, क्योंकि अब वह उनकी सहयोगी हो गई हैं, तो इस पर प्रियंका चतुर्वेदी ने जवाब दिया कि 'हां मैं गाती रहूंगी।' उल्लेखनीय है कि हफ्ते भर पहले प्रियंका चतुर्वेदी ने स्मृति ईरानी की शैक्षिक योग्यता और डिग्री में विषमता को लेकर कांग्रेस की ओर से हमला बोला था और स्मृति ईरानी स्टारर टीवी सीरीयल के मशहूर गाने 'क्योंकि सास भी कभी बहू थी' को रिमिक्स किया था और उसे गाकर केंद्रीय मंत्री पर हमला बोला था। 
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा था एक नया धारावाहिक आ रहा है क्योंकि मंत्री भी कभी ग्रेजुएट थी। प्रियंका चतुर्वेदी ने इस गाने को गाकर सुनाया था जिसके बोल थे- क्वालिफिकेशन के भी रूप बदलते हैं,  नए-ए सांचे में ढलते हैं, एक डिग्री आती है, एक डिग्री जाती है, बनते एफीडेविट नए हैं...' प्रियंका चतुर्वेदी की यह वीडियो क्लिप सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुई थी। शिवसेना में शामिल होने के बाद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि अगर आप शिवसेना को भी देखते हैं तो पिछले पांच सालों में अगर सरकार ने कभी कुछ भी गलत किया, तो पार्टी कभी बोलने से नहीं कतराई है। और गाना मैं गाती रहूंगी। 
इससे पहले कांग्रेस की मीडिया सेल की संयोजक रहीं चतुर्वेदी ने उत्तर प्रदेश में कुछ पार्टी कार्यकर्ताओं को पार्टी में वापस लिए जाने को लेकर नाराजगी जताई थी, जिन्होंने कुछ दिन पहले मथुरा में उनके संवाददाता सम्मेलन में उनसे ‘दुर्व्यवहार' किया था और उन्हें ‘धमकी' दी थी। उन्होंने उपनगर बांद्रा में ठाकरे के आवास ‘मातोश्री' में कहा कि उनके खिलाफ टिप्पणी करने वाले कुछ कांग्रेस कार्यकर्ताओं को पार्टी ने फिर से शामिल कर लिया, जिससे वह दुखी थीं। कांग्रेस का नाम लिए बगैर चतुर्वेदी ने कहा कि उन्होंने उस पार्टी को दस साल दिए जहां उन्हें लगा कि वह सोशल मीडिया पर ट्रोल होने के बावजूद महिलाओं के मुद्दों पर बोल सकती हैं। 
उन्होंने कहा लगातार दुर्व्यवहार और ट्रोल होने के बावजूद मैं बोलते रही। मुझे दुख हुआ जब कुछ पार्टी कार्यकर्ताओं ने मेरे बारे में टिप्पणियां कीं। निलंबित करने के बाद उन्हें फिर से पार्टी में शामिल कर लिया गया। चतुर्वेदी ने कहा कि व्यक्तिगत नुकसान पर और औपचारिक रूप से राजनीति में आए बगैर 10 साल तक बोलने के बावजूद पार्टी ने उनके खिलाफ की गई टिप्पणियों को नजरअंदाज किया। उन्होंने कहा मैं बहुत दुखी हुई। मुझे लगा कि अगर मैं अपने आत्मसम्मान के लिए नहीं लड़ सकती तो मैं अन्य महिलाओं को निराश करूंगी। काफी सोचने और महिलाओं के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को समझने के बाद मैं शिवसेना में शामिल हुई। उन्होंने इस बात को खारिज कर दिया कि लोकसभा चुनाव के लिए टिकट न दिए जाने के बाद उन्होंने कांग्रेस से इस्तीफा दिया।

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