YUV News Logo
YuvNews
Open in the YuvNews app
OPEN

फ़्लैश न्यूज़

रीजनल नार्थ

 अल्ट्रा वायलेट किरणों से कोरोना संक्रमण रोकेगी दिल्ली मेट्रो

 अल्ट्रा वायलेट किरणों से कोरोना संक्रमण रोकेगी दिल्ली मेट्रो

नई दिल्ली । कोविड-19 संक्रमण को रोकने के लिए दिल्ली मेट्रो अल्ट्रा वायलेट किरणों यूवी रे तकनीक को अपना सकती है। मेट्रो ने इसे लेकर बाराखंभा मेट्रो स्टेशन समेत 10 जगहों पर स्वचालित सीढ़ियों पर ट्रायल भी शुरू कर दिया है। मेट्रो का कहना है कि अगर इसके परिणाम अच्छे रहे और कोविड लंबे समय तक चला तो इसे हम आगे बढ़ा सकते हैं। डीएमआरसी प्रबंध निदेशक मंगू सिंह ने कहा कि डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट आर्गेनाइजेशन डीआरडीओ ने हमें यह तकनीक दी है। उसी के साथ मिलकर हम शुरुआती चरण में स्टेशन पर लगे एस्केलेटर स्वचालित सीढ़ियों स्टेशनों पर इसका ट्रायल कर रहे हैं। इसमें एक लाइट की तरह किरण मिलती है। डीआरडीओ का कहना है कि यह लाइट जिस क्षेत्र पर पड़ती है, वह जगह संक्रमण रहित हो जाता है। एस्केलेटर में जब सीढ़ियां चलती है तो वह सपाट होती है। उस समय लाइट उसपर पड़ती है। वह एरिया डी इंफेक्ट हो जाता है। क्या मेट्रो इसे दूसरे जगहों पर लगाएगी, इसपर मंगू सिंह ने कहा कि इस तकनीक को लगाने के लिए शुरुआत में अधिक पैसा लगेगा। अभी हम कोविड की स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं। लंबे समय के लिए यह तकनीक ठीक है, मगर कोरोना कब तक रहेगा। मेट्रो की मौजूदा आर्थिक स्थिति के लिहाज से अभी ट्रेन के लिए इसे लगाने का फैसला नहीं लिया है। यूवी किरणों से खत्म हो जाता संक्रमण डीआरडीओ ने मेट्रो को जो तकनीक दी है, उसके मुताबिक उसकी लाइट जहां तक पड़ती है वह क्षेत्र पूरी तरह से संक्रमण रहित हो जाता है। एस्केलेटर में यह जहां लगाया गया है, वहां पर सीढ़ियां बिल्कुल घूमते हुए सपाट होती है। उस समय यह लाइट सीढि़यों के फ्लोर पर पड़ती है। दावा है कि इन किरणों से वहां मौजूद वायरस खत्म हो जाता है। मंगू सिंह का कहना है कि इस तकनीक में जहां तक लाइट पड़ेगी, वह संक्रमण रहित होगा। मेट्रो में कई हिडन छुपी हुई जगह जगह होती है, जहां इसकी लाइट नहीं पहुंच सकती है। दिल्ली मेट्रो में परिचालन के समय रोजोना कॉमन एरिया ट्रेन, प्रवेश और निकास गेट पर सेनेटाइज करने के लिए 3000 लीटर से अधिक सेनेटाइजर का प्रयोग होता है। लिफ्ट, एस्केलेटर, कॉमन एरिया को हर घंटे सेनेटाइज किया जा रहा है। इस काम के लिए पूरे मेट्रो नेटवर्क पर कुल 1800 से अधिक सफाईकर्मी लगे हुए हैं। ट्रेन को भी हर ट्रिप के बाद सेनेटाइज किया जा रहा है। इसके साथ यात्रियों के साथ जो सामान होता है, उसे भी सेनेटाइज किया जा रहा है।
 

Related Posts