नई दिल्ली । पुलिस ने बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी और उनके गिरोह के आर्थिक साम्राज्य पर गहरी चोट की है। अब तक की कार्रवाई में मुख्तार गिरोह की सालाना 48 करोड़ रुपये की आय बंद की जा चुकी है। पुलिस की कार्रवाई जारी है और मुख्तार के गुर्गों पर शिकंजा कसता जा रहा है। पुलिस ने वाराणसी जोन के अलग-अलग जिलों में प्रतिबंधित मछली कारोबार, स्टोरेज, गिरोह बनाकर वसूली, कोयला कारोबार, बूचड़खाना समेत अन्य अवैध धंधों पर अंकुश लगाकर तगड़ी चोट दी है। पुलिस रिपोर्ट के मुताबिक मुख्तार गैंग को मछली कारोबार से ही करीब 33 करोड़ रुपये की सालाना आय होती थी। बाकी आय दूसरे अवैध कार्यों से होती थी। इन धंधों से पूरा गैंग संचालित होता रहा है। एडीजी कार्यालय से भेजी गई रिपोर्ट के अनुसार मुख्तार की शह पर गाजीपुर, मऊ व आजगमढ़ में कब्जाई गई 120 करोड़ रुपये की संपत्ति अवैध कब्जे से मुक्त कराई गई है। बृजभूषण, एडीजी, वाराणसी जोन ने बताया कि मुख्तार व उसके करीबियों की 48 करोड़ की सालाना आय बंद की गई है। 120 करोड़ की संपत्तियां इनके कब्जे से मुक्त कराते हुए अवैध कार्य में संलिप्त करीबियों पर कार्रवाई जारी है। पूर्वांचल में दशकों से अपराध का पर्याय बने इस गिरोह पर शिकंजा कसने लगा है। वाराणसी समेत मऊ, आजमगढ़, गाजीपुर व जोन के अन्य जिलों में लोगों की गिरफ्तारी भी की गई है, जो सीधे मुख्तार के लिए अवैध काम करते पाये गये। ऐसे 100 लोग गिरफ्तार हुए हैं। इनमें 78 बदमाशों पर गैंगस्टर एक्ट में मुकदमा दर्ज किया गया है।मुख्तार के नजदीकियों को सरकारी ठेके आसानी से मिल जाते थे। उन ठेकेदारों की काम की गुणवत्ता भी बेहद खराब बताई जा रही है। ऐसे आठ ठेकेदारों को चिह्नित कर इनका चरित्र प्रमाणपत्र रद करा दिया गया है। अब वे सरकारी ठेके नहीं ले पाएंगे।मुख्तार के करीबियों ने खुद पर दर्ज मुकदमों को छिपाकर असलहों का लाइसेंस ले रखा था। ऐसे लोगों के 81 असलहों के लाइसेंस रद कराए गए हैं। उन पर मुकदमा भी दर्ज हुआ है।
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योगी सरकार का मुख्तार अंसारी की कमाई पर वार