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 कंगना से टकराव के बीच बोले उद्धव महाराष्ट्र को बदनाम करने की चल रही साजिश

 कंगना से टकराव के बीच बोले उद्धव महाराष्ट्र को बदनाम करने की चल रही साजिश

नई दिल्ली । बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत से शिवसेना और महाराष्ट्र सरकार के टकराव के बीच  मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने चुप्पी जरूर तोड़ी, लेकिन उन्होंने कंगना और सुशांत सिंह राजपूत का नाम लिए बिना इशारों में बात की। उद्धव ने कहा कि उनकी चुप्पी को कमजोरी ना समझा जाए। उन्होंने कहा कि अभी उनका ध्यान कोरोना पर है, वह सही समय पर इस पर बात करेंगे। ठाकरे ने यह भी कहा कि महाराष्ट्र को बदनाम करने की साजिश रची जा रही है। सर्वाधिक कोरोना केसों और सबसे अधिक मौतों वाले राज्य के सीएम ने कहा कि उनकी सरकार कोविड-19 के हालात से निपटने के लिए प्रभावी तरीके से काम कर रही है। उद्धव ने कहा कुछ लोगों को लग सकता है कि कोरोना खत्म हो गया है और उन्हें फिर राजनीति शुरू करनी चाहिए। मैं राजनीति पर बात नहीं करूंगा, लेकिन महाराष्ट्र को बदनाम करने की साजिश है। मेरी चुप्पी का यह मतलब नहीं कि मेरे पास जवाब नहीं हैं। मैं मुख्यमंत्री पद की गरिमा का पालन कर रहा हूं।'' 40 मिनट के संबोधन में उद्धव ठाकरे ने कोरोना, गरीबी, मराठा आंदोलन जैसे मुद्दों का जिक्र किया, लेकिन कंगना रनौत, सुशांत सिंह राजपूत केस और पूर्व नेवी अधिकारी पर हमले को लेकर बोलने से बचते रहे। कोरोना को लेकर उन्होंने कहा कि 15 सितंबर से उनकी सरकार एक हेल्थ चेकअप मिशन लॉन्च करने जा रही है। मेडिकल टीम घर-घर जाकर लोगों के स्वास्थ्य की जानकारी लेगी। सीएम ने कहा कि कोरोना से लड़ने के लिए 'मेरा परिवार, मेरी जिम्मेदारी' नाम से एक अभियान शुरू किया जाएगा। उन्होंने कहा कि ऑक्सीजन की कमी को दूर करने का प्रयास किया जा रहा है। उद्धव ठाकरे ने कहा कि अभी उनका ध्यान कोरोना पर है इसलिए राजनीति की बात नहीं करेंगे। गौरतलब है कि सुशांत सिंह राजपूत केस में मुखर होकर बोलने वालीं कंगना रनौत ने मुंबई की तुलना पाक अधिकृत कश्मीर से कर दी थी। इसके बाद शिवसेना नेताओं ने कंगना के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। केंद्र सरकार से Y+ सिक्यॉरिटी मिलने के बाद 9 सितंबर को कंगना मुंबई पहुंची, लेकिन उसी दिन बीएमसी ने उनके दफ्तर पर बुलडोजर चढ़ा दिया। इस कार्रवाई को लेकर महाराष्ट्र सरकार की चौतरफा निंदा हुई। खुद महाराष्ट्र सरकार के सहयोगी शरद पवार ने इस पर सवाल उठा दिए।
 

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