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400 से अधिक साहित्यकारों ने की भाजपा के पक्ष में वोटिंग की अपील - इससे पहले सा‎हित्यकारों के एक धड़े ने भाजपा के ‎खिलाफ वो‎टिंग की अपील की

 400 से अधिक साहित्यकारों ने की भाजपा के पक्ष में वोटिंग की अपील - इससे पहले सा‎हित्यकारों के एक धड़े ने भाजपा के ‎खिलाफ वो‎टिंग की अपील की

अब सा‎हित्य जगत भी राजनी‎ति के अखाड़े में दो धड़ों में बंटता नजर आ रहा है। जहां ‎पिछले दिनों लेखकों और कलाकारों के एक समूह नरेंद्र मोदी और बीजेपी के खिलाफ वोटिंग की अपील की। तो अब साहित्यकारों के एक अन्य समूह ने देशवासियों से मोदी के पक्ष में मतदान करने की अपील की है। प्रसिद्ध साहित्यकार नरेंद्र कोहली, चित्रा मुद्गल, सूर्यकांत बाली स‎हित देशभर के 400 से अधिक साहित्यकारों ने देशवासियों से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पक्ष में वोट करने की अपील की है। भारतीय साहित्कार संगठन के बैनर तले एकजुट हुए साहित्याकारों और बुद्धिजीवियों ने अपनी अपील में कहा है कि वोटरों को अपना वोट देश की अखंडता, सुरक्षा, स्वाभिमान और विकास को बनाए रखने के लिए दें।
साहित्यकारों ने अपनी अपील में कहा है, 'भारतीय लोकतंत्र में संविधान का महत्व सर्वोपरि है। अतः हम साहित्यकार देशवासियों से अपील करते हैं कि आप अपना बहुमूल्य वोट देश की अखंडता, सुरक्षा, स्वाभिमान, संप्रभुता, सांप्रदायिक सद्भाव, सर्वांगीण विकास आदि को बनाए रखने के लिए दें।' अपील में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दुनिया में देश की प्रतिष्ठा बढ़ाने वाला, राष्ट्रीय सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध और अंतिम जन तक विकास की नई धारा प्रवाहित करने वाला नेता बताया है। इससे पहले, इंडियन राइटर्स फोरम की ओर से जारी अपील में अलग-अलग भाषाओं के 200 से अधिक लेखकों ने 'नफरत की राजनीति' के खिलाफ वोट करने की अपील की थी। गिरीश कर्नाड, रोमिला थापर, अमिताव घोष, नयनतारा सहगल और अरुंधती रॉय सरीखे लेखकों ने अपने बयान में मोदी सरकार पर गंभीर आरोप लगाए थे।
बयान के अनुसार, 'लेखकों, कलाकारों, फिल्मकारों, संगीतकारों और अन्य सांस्कृतिक लोगों को डराया-धमकाया गया और उनका मुंह बंद कराने की कोशिश की गई।' लेखकों ने कहा, 'सत्ताधारियों से सवाल करने वाले किसी भी शख्स को प्रताड़ित करने या गलत एवं हास्यास्पद आरोपों में गिरफ्तार किए जाने का खतरा है। हम सब चाहते हैं कि इसमें बदलाव आए। पहला कदम यह होगा, जो हम जल्द ही उठा सकते हैं, कि नफरत की राजनीति को उखाड़ फेंके और इसलिए हम सभी नागरिकों से अपील करते हैं कि वे एक विविधतापूर्ण एवं समान भारत के लिए मतदान करें।

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