नई दिल्ली । पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने अब चुनाव से पहले प्रदेश में 'हिन्दू कार्ड' खेलकर भाजपा के परंपरागत वोटरों में सेंधमारी की है। लोकसभा चुनाव के समय से ही बंगाल में भाजपा की बढ़ती पैठ सीएम ममता बनर्जी को हैरान कर रही है। भाजपा राज्य में पूरी तरह से आक्रमक मुद्रा में है और यहां की टीएमसी सरकार की छवि हिन्दू विरोधी बनाने में जुटी है। लोकसभा में आई सीटें इस बात का गवाह हैं कि वो अपने एजेंडे पर कामयाब हो रही है। राज्य में भाजपा अब वामदलों और कांग्रेस को पीछे छोड़कर अब सीधे सत्तारूढ़ दल टीएमसी को चुनौती दी रही है। मिल रही जानकारी के मुताबिक भाजपा की मदद के लिए आरएसएस ने भी पैठ बढ़ाई है और वह अपनी शाखाओं का लगातार विस्तार कर रहा है। बंगाली समुदाय को लुभाने के लिए आरएसएस ने पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को अपने कार्यक्रम में कर चुका है। जिसकी काफी चर्चा हुई थी। साल 2021 में होने वाले विधानसभा चुनाव की सरगर्मियां अभी से दिखाई दे रही हैं। कांग्रेस भी इसमें पीछे नहीं है। कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी का बयान में काफी चर्चा का विषय बना में जिसमें उन्होंने कथित रूप से कहा रिया चकवर्ती बंगाली ब्राह्मण हैं। कांग्रेस की ओर से बंगाल की बेटी बताया गया है और उनके समर्थन में रैली भी की गई है।
इन सब सियासी चालों के बीच पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी एक बड़ा ऐलान सोमवार को कर दिया है। उन्होंने कहा है कि राज्य के 8,000 से अधिक हिंदू पुजारियों के लिए 1,000 रुपये मासिक वित्तीय सहायता और मुफ्त आवास की घोषणा की है। बनर्जी ने यह घोषणा राज्य में विधानसभा चुनाव से पहले की है जिसके अगले वर्ष अप्रैल-मई में होने की संभावना है। बनर्जी पर विपक्ष अक्सर 'अल्पसंख्यकों के तुष्टिकरण' का आरोप लगाता है। राज्य के हिंदी भाषी और आदिवासी मतदाताओं को ध्यान में रखते हुए बनर्जी ने यह भी कहा कि उनकी सरकार ने एक हिंदी अकादमी और एक दलित साहित्य अकादमी स्थापित करने का निर्णय किया है। उन्होंने यह घोषणा हिंदी दिवस के दिन की जो हिंदी को देश की आधिकारिक भाषा के तौर पर अपनाने की याद में प्रतिवर्ष इस दिन मनाया जाता है। विपक्षी दलों ने इन घोषणाओं को 'चुनावी हथकंडा' करार दिया। बनर्जी ने कहा, ‘हमने पहले सनातन ब्राह्मण संप्रदाय को कोलाघाट में एक अकादमी स्थापित करने के लिए भूमि प्रदान की थी। इस संप्रदाय के कई पुजारी आर्थिक रूप से कमजोर हैं। हमने उन्हें प्रतिमाह 1,000 रुपये का भत्ता प्रदान करने और राज्य सरकार की आवासीय योजना के तहत मुफ्त आवास प्रदान करके उनकी मदद करने का फैसला किया है।'
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ममता का 'हिन्दू कार्ड'- 8,000 पुजारियों को 1,000 रुपये मासिक सहायता और मुफ्त आवास का ऐलान