आईटी का क्षेत्र बेहद तेजी से बढ़ रहा है। इससे कई नई संभावनाएं भी सामने आई हैं। इन नये क्षेत्रों में प्रवेश कर आप मोटी कमाई कर सकते हैं।
सॉफ्टवेयर आर्किटेक्ट: सॉफ्टवेयर आर्किटेक्ट एक कंप्यूटर प्रोग्रामर या यूं कहें कि एक कंप्यूटर मैनेजर होता है जो हाइ लेवल के डिजाइन च्वाइज, सॉफ्टवेयर कोडिंग, टूल और प्लेटफॉर्म बनाता है. भारत में स्टूडेंट्स सॉफ्टवेयर आर्किटेक्ट के लिए जरूरी पढ़ाई इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंसेस से भी कर सकते हैं। इस कोर्स को करने के बाद स्टूडेंट्स को मोटी सैलरी वाली नौकरी मिलती है।
सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट मैनेजर: सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट मैनेजर का काम मेडिक रिसर्च से लेकर फाइनांस तक रेंज के सॉफ्टवेयर डेवलपर की टीम को लीड करना है। इसके अलावा उसका काम सॉफ्टवेयर डिजाइनिंग, वेब एप्लीकेशन, वेब सर्विसेज डिजाइन करना भी है। इससे जुड़े कोर्स आप अन्ना यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी, मदुरई और एएमसी इंजीनियरिंग कॉलेज, बेंगलुरू से भी कर सकते हैं।
सोल्यूशन आर्किटेक्ट: सोल्यूशन आर्किटेक्ट कई तरह के प्रोजेक्ट्स को सॉफ्टवेयर डेवलमेंट प्रोसेस के जरिए हैंडल करता है. उसके काफी अलग-अलग तरह के काम होते हैं। सॉल्यूशन आर्किटेक्ट से संबंधित कोर्स आप देश और विदेश के कई इंस्टीट्यूट्स से कर सकते हैं।
एनालिटिक्स मैनजर: एनालिटिक्स मैनजर का काम डिजाइन इम्पीलीमेंटेशन सपोर्ट ऑफ डेटा एनालिसिस सोल्यूशन करना होता है। यह एक तरह से सांख्यिकी का ही एक भाग है जो इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी के साथ मिलकर काम करता है। अगर आप ये नौकरी पाना चाहते हैं तो जरूरी पढ़ाई इंडियन स्कूल ऑफ बिजनेस, आईआईएम लखनऊ, आईआईएम कलकत्ता से कर सकते हैं। एनालिटिक्स मैनजर को अच्छी सैलरी वाली नौकरी मिलती है।
आईटी मैनेजर: आईटी मैनेजर का काम ऑपरेशनल जरूरतों को पूरा करना, रिसर्च की रणनीति बनाना, टेक्नोलॉजी सोल्यूशन कॉस्ट इफेक्टिव सिस्टम बनाना है। इससे जुड़ी पढ़ाई के लिए आप इंस्टीट्यूट ऑफ बिजनेस मैनेजमेंट एंड टेक्नोलॉजी, बेंगलुरू, उत्तराखंड ओपन यूनिवर्सिटी और एनआईआईटी मुंबई से संपर्क कर सकते हैं।
प्रॉडक्ट मैनेजर: प्रॉडक्ट मैनेजर का काम किसी प्रॉडक्ट के बारे में जानकारी हासिल करना, सेलेक्ट करना प्रॉडक्ट की डेवलपमेंट के लिए काम करना होता है।
डेटा साइंटिस्ट: अधिकतर कंपनियां कॉम्पिटिशन में आगे बने रहने के लिए डेटा साइंटिस्ट की मदद लेती हैं। ये साइंटिस्ट रिजल्ट्स का बड़ी बारीकी से एनालिसिस करते हैं। डेटा स्टोर करने वाली कंपनीज, जैसे- गूगल, अमेजन, माइक्रोसॉफ्ट, ईबे, लिंक्डइन, फेसबुक और ट्विटर आदि को सबसे ज्यादा जरूरत डाटा साइंटिस्ट की ही है।
सिक्योरिटी इंजीनियर: सिक्योरिटी इंजीनियर को इंफ्रोरमेशन सिस्टम एनालिस्ट भी कहते हैं। सिक्यूरिटी मैनेजर की जिम्मेदारी किसी भी बड़ी कंपनी की तकनीकी सुरक्षा-व्यवस्था देखना होता है। इसका काम डेटा को सुरक्षा से लेकर कई काम करने होते हैं। इस तरह के प्रोफाइल की नौकरी पाने के लिए आप इंफ्रोरमेशन टेक्नोलॉजी में ग्रेजुएशन, कंप्यूटर प्रोग्रामिंग, इंजीनियर से जुड़ी पढ़ाई कर सकते हैं
क्वालिटी मैनेजर: क्वालिटी मैनेजर का काम कंपनी की न सिर्फ प्रॉडक्ट और सर्विस क्वॉलिटी स्टेंडर्ड्स पर निगाह रखना होता है, बल्कि इसका काम हर तरह गुणवत्ता में वृद्धि करना है। टेक्नोलॉजी इंडस्ट्री में क्वालिटी मैनेजर की नौकरी बेहतर मानी जाती है।
कंप्यूटर हार्डवेयर इंजीनियर: कंप्यूटर हार्डवेयर इंजीनियर का काम कंप्यूटर के औजारों की रिसर्च, डिजाइन, टेस्ट, चिप सर्किट बोर्ड बनाना है। इसके अंतर्गत कंप्यूटर के हिस्सों की मरम्मत, कम्प्यूटर को असेंबल करना, नेटवर्क तैयार करना जैसे काम आते हैं।
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इन नौकरियों में मिलता है सबसे ज्यादा वेतन