शिमला। हिमाचल के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की कैबिनेट ने राज्य की सीमाएं बहारी राज्य के लोगों के किए खोल दी हैं। हालांकि, कोरोना वायरस प्रदेश में तेजी से फेल रहा है। कम्युनिटी स्प्रैडिंग शुरू हो चुकी है। ऐसे में बॉर्डर खोलने के फैसले का विरोध हो रहा है। विपक्ष का कहना है कि सरकार का फैसला जल्दबाजी में लिया गया है। फैसला जोखिम भरा है और प्रदेश की जनता के साथ खिलवाड़ से कम नहीं है। कांग्रेस विधायकों का आरोप है कि बाहरी राज्यों के लोग प्रदेश में आने से लोगों का जीवन खतरे में पड़ जाएगा। प्रदेश में कोरोना की स्थिति नियंत्रण से बाहर हो सकती है, जिस पर बाद में काबू कर पाना नामुमकिन होगा। विपक्ष ने कहा कि सरकार आखिर प्रदेशवासियों की जिंदगी के साथ खिलवाड़ क्यों कर रही है। सरकार के फैसले के पीछे की क्या मंशा है राज्य की सीमा खोलकर सरकार किन लोगों को लाभ पहुंचाना चाहती है, यह अपने आप में बड़ा सवाल है?
विपक्ष के वरिष्ठ सदस्य रामलाल ठाकुर, आशा कुमारी सुखविंदर सिंह सुक्खू, और जगत सिंह नेगी ने सरकार के फैसले की आलोचना की। जबकि माकपा के एकमात्र विधायक राकेश सिंघा ने भी सरकार के फैसले पर कहा कि अब वह वक्त आ चुका है कि कोरोना के साथ हमें जीवन जीना पड़ेगा। अब करोना से डरकर जीवन की रफ्तार को रोकना बुद्धिमता नहीं होगी। ऐसे में जयराम सरकार द्वारा लिया गया फैसला कहीं ना कहीं समय की मांग है।
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लोगों की जिंदगी से क्यों खिलवाड़ कर रही जयराम सरकार: कांग्रेस -बॉर्डर खोलकर सरकार आखिर किन लोगों को लाभ पहुंचाना चाहती है