नई दिल्ली । दिल्ली विश्वविद्यालय डीयू से संबंध दिल्ली सरकार के वित्त पोषित कॉलेजों के फंड को लेकर जारी घमासान में अब डीयू प्रिंसिपल एसोसिएशन ने भी अपना पक्ष रखा है। बुधवार को उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की तरफ से कॉलेज के फंड में गड़बड़ी संबंधी आरोपों को प्रिंसिपल एसोसिएशन ने भ्रामक व निराशजनक बताते हुए कॉलेजों के फंड का 200 करोड़ बकाया जल्द जारी करने की मांग की है। एसोसिएशन ने कहा कि फंड जारी होने से शिक्षकों व कर्मियों को जल्द से जल्द से वेतन जारी किया जा सकेगा। दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बुधवार को वित्त पोषित के खातों में गड़बड़ी पाए जाने का आरोप लगाया था। साथ ही उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कॉलेज के पास पर्याप्त फंड होने का आरोप भी लगाया था। इन आरोपों की प्रतिक्रिया देने के लिए डीयू प्रिंसिपल एसोसिएशन की तरफ से ऑनलाइन पत्रकार वार्ता का आयोजन किया गया। जिसे अध्यक्ष जसिवंदर सिंह समेत महासचिव मनोज सिन्हा ने संबोधित किया। इस दौरान एसोसिएशन के दोनों पदाधिकारियों ने कहा कि दिल्ली सरकार वित्त पोषित कॉलेजों को प्लान व नॉन प्लान के मद में फंड जारी करते हैं। डीयू प्रिंसिपल एसोसिएशन ने उपमुख्यमंत्री के कॉलेजों को पर्याप्त फंड दिए जाने संबंधी बयान को भी भ्रामक बताया है। एसोसिएशन ने कहा है कि वित्त पोषित 12 कॉलेजों को शैक्षणिक वर्ष 2019-20 में 245 करोड़ का फंड आवंटित दिल्ली सरकार की तरफ से किया गया था। इस सत्र में 10 फीसद डीयू में बढ़ोतरी के तहत दिल्ली सरकार को डीयू के इन कॉलेजों के लिए 270 करोड़ का फंड जारी किया जाना है, लेकिन दिल्ली सरकार ने अभी तक 37.5 करोड़ का फंड ही जारी किया है। जबकि आदर्श स्थिति यह है कि जुलाई तक दिल्ली सरकार को 35 फीसद फंड जारी कर दिया जाना चाहिए था।
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दिल्ली सरकार से मांगा 202 करोड़ का बकाया