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मानव भारती यूनिवर्सिटी के खिलाफ ईडी ने दर्ज की एफआईआर -हिमाचल में लाखों की संख्या में फर्जी डिग्री बनाने और बेचने का आरोप 

मानव भारती यूनिवर्सिटी के खिलाफ ईडी ने दर्ज की एफआईआर -हिमाचल में लाखों की संख्या में फर्जी डिग्री बनाने और बेचने का आरोप 

शिमला। हिमाचल प्रदेश में फर्जी डिग्री मामले में फंसे मानव भारती विश्वद्यालय की मुश्किलें और बढ़ गई है। मामले में पैसों के लेन-देन और उससे बनाई गई संपत्तियों की जांच को लेकर हिमाचल पुलिस की ओर से लिखे गए पत्र पर कार्रवाई करते हुए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। मानव भारती यूनिवर्सिटी पर लाखों की संख्या में फर्जी डिग्री बनाने और बेचने का आरोप है। 
यूनिवर्सिटी प्रबंधन पर आरोप है कि फर्जी डिग्रियां बेचकर हिमाचल और राजस्थान में काले धन को निवेश कर संपत्ति बनाई गई है। मामले में सीएम जयराम ठाकुर ने विधानसभा में कहा था कि इस मामले की जांच का जिम्मा एडीजी सीआईडी एन वेणुगोपाल की अध्यक्षता वाली 19 सदस्य विशेष जांच टीम को सौंपा जाएगा। जानकारी के अनुसार, डीजीपी संजय कुंडू समय समय पर इस मामले की समीक्षा खुद करेंगे। मामले में डीजीपी संजय कुंडू ने कहा कि मानव भारती विवि के खिलाफ ईडी ने मामला दर्ज किया है। ईडी ने जांच के लिए हमारी एसआईटी के साथ डिप्टी डायरेक्टर की नियुक्ति की है। ऐसे में इनकम टैक्स विभाग ने भी जांच शुरू की ही है। हर 15 दिन बाद जांच की समीक्षा की जाएगी। इसके अलावा, शिमला की एपीजी विवि के खिलाफ भी जांच चल रही है। आशंका है कि कई साल से चल रहे इस खेल में लाखों डिग्रियां बेचकर करीब-करीब 100 करोड़ तक की कमाई की गई है। इस पूरे मामले में सोलन पुलिस ने मानव भारती यूनिवर्सिटी पर पर तीन एफआईआर दर्ज है। एमबीयू का संचालन करने वाले राजकुमार राणा, रजिस्ट्रार अनुपमा, सहायक रजिस्ट्रार मनीष गोयल, डाटा ऑपरेटर प्रमोद कुमार के अलावा विवि के नशा मुक्ति केंद्र के संचालक जतिन नागर को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था। 
 

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