शिमला। हिमाचल विधानसभा का 10 दिवसीय मॉनसून सत्र संपन्न हो गया। सत्र में कोरोना के चलते निरस्त की गई विधायक क्षेत्र विकास निधि को जयराम सरकार ने बहाल कर दिया है। सत्र के अंतिम दिन विधानसभा में सीएम जयराम ठाकुर ने विधायक निधि बहाल करने की घोषणा की। हालांकि, पहली किस्त अक्तूबर माह में 25 लाख रूपये और बाकी 25 लाख रूपये पंचायत चुनावों के बाद दिए जाएंगे। हिमाचल में प्रति विधानसभा हर साल 1 करोड़ 75 लाख रूपये विधायक निधि के रूप में दिए जाते हैं। इसमें से केवल 50 लाख रूपये शुरूआती चरण में दिए जा रहे हैं। नेता विपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने पूरी विधायक निधि देने की मांग की थी, जिस पर सीएम असमर्थता जाहिर की।
विधानसभा अध्यक्ष विपिन परमार ने भी कहा कि सबको खुलकर बोलने मौका दिया गया। सत्र के दौरान कुल 434 तारांकित और 223 अतारांकित सवाल लगे। नियम 67 के तहत इतिहास में पहली बार कार्यस्थगन प्रस्ताव पर चर्चा हुई। सदन की कार्यवाही कुल 47 घंटे चली। नियम 61 के तहत 5 विषयों पर चर्चा हुई। नियम 62 के तहत 10 विषय और नियम 130 के तहत 5 प्रस्तावों पर चर्चा हुई। नियम 101 के तहत 2 गैर सरकारी संकल्पों पर सदन में विस्तार से चर्चा हुई।कोरोना संकट के चलते दिसंबर में धर्मशाला में होने वाले विंटर सेशन पर संशय बन गया है। अध्यक्ष विपिन सिंह परमार ने सत्र के सफल आयोजन में पक्ष विपक्ष और कर्मचारियों के सहयोग पर आभार जताया।
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हिमाचल में सीएम ने की विधायक निधि बहाली की घोषणा -विधानसभा का 10 दिवसीय सत्र संपन्न, 47 घंटे चली कार्यवाही