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खाने का तेल बदलते रहें

खाने का तेल बदलते रहें

खाने का ऑयल हमारे आहार का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है। इसके चयन में बरती गई थोड़ी सी भी लापरवाही परिवार की सेहत पर भारी पड़ सकती है। ना पकाने के लिए देश के हर हिस्से में अलग-अलग तरह के तेल का प्रयोग होता है। मध्य और पश्चिमी भारत में जहां मुख्य तौर पर मूंगफली का तेल इस्तेमाल होता है, वहीं दक्षिणी भारत में नारियल का तेल और पंजाब-हरियाणा में सूरजमुखी के तेल और देसी घी का प्रयोग आम है। वैसे, सेहत के लिहाज से हर तेल का अपना महत्व है।
सरसों
ज्य़ादातर घरों में नॉनवेज बनाने के लिए सरसों तेल का इस्तेमाल किया जाता है। इसमें 60 मोनोअनसैचुरेटेड फैटी एसिड (एमयूएफए) की मात्रा होती है। 21त्न पॉलीअनसैचुरेटेड फैटी एसिड (पीयूएफए) होता है जबकि 12 सैचुरेटेड फैट होता है। इसके साथ ही इसमें 6 ओमेगा 3 फैटी एसिड और 15 ओमेगा 6 फैटी एसिड होता है।
सेहत के लिए : दिल के रोगियों के लिए इसका इस्तेमाल बेहतरीन है।
तलने के लिए : सही है।
सलाह : हमेशा तेल बदलते रहना चाहिए। कभी भी एक ही प्रकार का तेल उपयोग न करें।
सूरजमुखी 
इसमें पॉलीअनसैचुरेटेड फैट की मात्रा (50-70) ज्य़ादा होती है। खासकर लिनोलिएक एसिड की।
सेहत के लिए : यह तेल एलडीएल और एचडीएल दोनों की मात्रा घटा देता है। यह तेल इम्युनिटी बढ़ाता है और शरीर में स्फूर्ति लाता है। स्किन के लिए यह बेहद अच्छा है। इसके इस्तेमाल से स्किन चमकदार बनती है। 
तलने के लिए : अच्छा नहीं, क्योंकि पॉलीअनसैचुरेटेड फैट गर्म होकर टॉक्सिंस में बदल जाते हैं।
सलाह : एक ही प्रकार के तेल का इस्तेमाल न करें। कुछ खाना सनफ्लॉवर ऑयल में बनाएं और कुछ खाना मस्टर्ड ऑयल में। इस तरह तेल बदलते रहें।
सोयाबीन ऑयल
मध्य भारत में इस्तेमाल किए जाने वाले इस तेल में पॉलीअनसैचुरेटेड फैट होता है। खासकर एल्फा लिनोलिएक एसिड (5त्न)।
सेहत के लिए : यह ओमेगा 3 का अच्छा स्रोत है जो गुड और बैड कोलेस्ट्रॉल के बीच संतुलन बनाए रखता है। यह ऑस्टियोपोरोसिस और दिल की बीमारी की रोकथाम में का$फी हद तक मदद करता है।
तलने के लिए : पॉलीअनसैचुरेटेड फैट्स गर्म होकर टॉक्सिंस में बदल जाते हैं।
मूंगफली का तेल 
यह तेल कई वरायटीज में, जैसे रिफाइंड, अनरिफाइंड, रोस्टेड और कोल्ड प्रैस्ड में आपको बाराबर में मिल जाएगा लेकिन सभी में न्यूट्रिशनल वैल्यू और हेल्थ बेनिफिट्स में अंतर देखा जा सकता है। इस तेल का अगर आप इस्तेमाल कर रहे हैं तो रोस्टेड का इस्तेमाल करें। सेहत के लिहाज से यह बेहतरीन है।
सेहत के लिए : दूसरे तेल के मु$काबले इसमें विटमिंस, मिनरल्स और ऑर्गेनिक कंपाउंड पाए जाते हैं। ब्लडप्रेशर के मरीजों के लिए यह तेल वरदान की तरह है।
तलने के लिए : अच्छा है।
राइस ब्रैन ऑयल
जापान और कोरिया में इस्तेमाल किया जाने वाला धान के छिलके से निकला तेल अब भारत में भी जगह बना रहा है। इसमें मोनोअनसैचुरेटेड फैट (41) होता है। सेहत के लिहाज से सभी तेलों के मु$काबले यह सर्वश्रेष्ठ माना जा रहा है।
सेहत के लिए : बढिय़ा है। इसमें ओरिजॉल भी होता है, जो एलडीएल को कम करता है। साथ ही नैचरल विटमिन ई पाया जाता है, जो त्वचा को यंग बनाए रखता है।
तलने के लिए : अच्छा है। 
ऑलिव ऑयल
किसी समय केवल मेडिटेरियन देशों मसलन स्पेन, अर्जेंटीना जैसे देशों में काम आने वाला यह तेल अब दुनिया भर में अपने स्वाद के चलते पॉपुलर हो रहा है। इसमें मोनोअनसैचुरेटेड फैट (76) होता है। यह कई प्रकार का होता है। जैसे एक्स्ट्रा वर्जिन (ऑलिव को पहली बार कंप्रेस करके निकाला गया), वर्जिन (दूसरी बार प्रेस करके निकाला गया), प्योर (प्रोसेस किया गया) और एक्स्ट्रा लाइट (कम फ्लेवर वाला प्रोसेस्ड ऑयल)।
सेहत के लिए : यह टोटल और एलडीएल कोलेस्ट्रॉल को कम करता है। यह शरीर में फैट डिस्ट्रिब्यूशन पर भी असर रखता है। 
तलने के लिए : एक्स्ट्रा वर्जिन ऑयल सैलेड के लिए अच्छा है।
कोकोनट ऑयल
इसके इस्तेमाल को लेकर बहुत से भ्रम हैं। यह सैचुरेटेड फैट है, इसलिए इसके सीमित इस्तेमाल की सलाह दी जाती है लेकिन हाल ही में हुई एक रिसर्च दावा करती है कि वनस्पति तेल होने की वजह से इसमें कोलेस्ट्रॉल नहीं होता।
सेहत के लिए : ठीक है।
तलने के लिए : सही नहीं है।
सलाह : दूसरे तेलों के साथ कॉम्बिनेशन में प्रयोग करें।
पाम ऑलिव ऑयल
पाम ऑयल के बारे में सेंटर फॉर साइंस का कहना है कि इसमें मोनोअनसैचुरेटेड फैट होता है लेकिन लिनोलिएक एसिड की मात्रा कम होती है। सीमित रूम में इसका इस्तेमाल  किया जा सकता है। 
कौन किस काम का
बैड फैट
सैचुरेटेड फैट : यह टोटल कोलेस्ट्रॉल और एलडीएल का स्तर बढ़ा देता है।
ट्रांस्फैट : यह एलडीएल का स्तर बढ़ाता है। गुड फैट
मोनोअनसैचुरेटेड फैट : यह टोटल कोलेस्ट्रॉल और एलडीएल (बैड कोलेस्ट्रॉल) का स्तर घटाता है और एचडीएल (गुड कोलेस्ट्रॉल) का स्तर बढ़ाता है। पॉलीअनसैचुरेटेड फैट : यह टोटल कोलेस्ट्रॉल और एलडीएल के स्तर को कम करता है। थोड़ी सी सावधानी और जागरूकता से किचन में इस्तेमाल होने वाले कुकिंग ऑयल का इस्तेमाल कर आप आप को और अपने परिवार को सेहतमंद बनाए रख सकती हैं। 
 

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