नई दिल्ली । दिल्ली दंगों की साजिश के आरोप में पकड़े गए जेएनयू के पूर्व छात्र उमर खालिद की परिवार से मिलने की अनुमति संबंधी याचिका को अदालत ने खारिज कर दिया है। खालिद इस समय दस दिन की पुलिस रिमांड पर है। उसकी रिमांड अवधि 24 सितंबर को समाप्त हो रही है। खालिद के वकील ने अदालत में याचिका दायर कर कहा था कि खालिद रिमांड अवधि के दौरान परिवार से मिलना चाहता है। कड़कड़डूमा स्थित अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अमिताभ रावत की अदालत ने कहा कि रिमांड के दौरान परिवार से मिलने की अनुमति नहीं दी जा सकती है। क्योंकि यह कानून के मुताबिक न्यायसंगत नहीं है। इसलिए याचिका को खारिज किया जाता है। ज्ञात रहे कि उमर खालिद को दिल्ली पुलिस ने 13 सितंबर को गिरफ्तार किया था। इसके अगले दिन अदालत ने खालिद को 10 दिन की रिमांड पर पुलिस के सुपुर्द कर दिया था। खालिद के वकील द्वारा अदालत में दायर याचिका में आग्रह किया गया था कि उनके मुवक्किल को दस दिन लंबी पुलिस रिमांड पर दिया गया है। इससे वह बहुत तनाव में है। ऐसे में उसके परिवार के सदस्यों को दो दिन आधे-आधे घंटे की मुलाकात की अनुमति दी जाए। परंतु अदालत ने कहा कि कानूनी प्रावधान के अनुसार ऐसा नहीं किया जा सकता। वैसे भी आरोपी एक गंभीर अपराध का आरोपी है। उसे इस तरह की राहत नहीं दी जा सकती। ज्ञात रहे कि उमर खालिद पर दिल्ली दंगों को लेकर गैर कानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।
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उमर खालिद की परिवार से मिलने की अनुमति संबंधी याचिका खारिज