नई दिल्ली । राजधानी दिल्ली के एम्स में लगभग पिछले छह महीने रूटीन सर्जरी बंद पड़ी हैं। फिलहाल इमरजेंसी सर्जरी ही कि जा रही हैं। अन्य बीमारियों से पीड़ित मरीजों को इलाज के लिए अभी भी भटकना पड़ रहा है। दिल्ली में कोरोना के अलावा कैंसर और दिल जैसी गम्भीर बीमारियों के मरीजों को खासी परेशानी झेलनी पड़ रही है। गाजियाबाद की रहने वाली दीपिका को न्यूरो की गम्भीर बीमारी है। 17 फरवरी 2019 को उन्होंने एम्स में दिखाया था तो डॉक्टरों ने उन्हें न्यूरो सर्जरी के लिए कहा था। उन्हें सर्जरी के लिए जुलाई का समय दिया था लेकिन कोरोना की वजह से सर्जरी नहीं हो सकी। अब वे बेहद गम्भीर रूप से बीमार हो गयी हैं। पिछले महीने उन्हें ओपीडी में बुलाया गया और कहा गया कि जल्द सर्जरी करेंगे लेकिन अब कोरोना के मामले फिर से बढ़ने से समय बढ़ा दिया गया। अब वे दूसरे अस्पतालों में ओपीडी में दिखाना चाहती हैं। न्यूरोसर्जरी की व्यवस्था एम्स के अलावा आरएमल, सफदरजंग और जीबी पंत में ही उपलब्ध है। ऐसे में उन्हें कहीं भी ओपीडी के लिए समय नहीं मिल रहा। एम्स के किडनी रोग के विभाग नेफ्रोलॉजी में 28 सितंबर तक रूटीन सर्जरी और ओपीडी के जरिए दाखिले करने बंद कर दिए हैं। अस्पताल सितंबर में फिर से किडनी प्रत्यारोपण शुरू करने वाला था लेकिन अब सामान्य मरीजों के दाखिले बन्द होने पर किडनी प्रत्यारोपण में अभी दो महीने का समय लग सकता है। दिल्ली के रोहिणी निवासी प्रशांत पिछले एक साल से किडनी के रोग से पीड़ित हैं। उन्हें ओपीडी बुलाकर पहले सर्जरी के लिए तैयार रहने के लिए कहा गया लेकिन अब फिर से प्रत्यारोपण टाल दिए गए।
रीजनल नार्थ
एम्स में छह महीने से रूटीन सर्जरी बंद मरीज हो रहे परेशान