YUV News Logo
YuvNews
Open in the YuvNews app
OPEN

फ़्लैश न्यूज़

नेशन

मैंने अपने बयान में किसी की शहादत को लेकर कोई गलत बात नहीं कही - प्रज्ञा ने दिया ईसी के नोटिस का जवाब

मैंने अपने बयान में किसी की शहादत को लेकर कोई गलत बात नहीं कही  - प्रज्ञा ने दिया ईसी के नोटिस का जवाब

भोपाल लोकसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर के मुंबई हमले के शहीद को लेकर दिए गए विवादित बयान को लेकर चुनाव आयोग ने नोटिस जारी किया जिसका जबाव देते हुए कहा है कि उन्होंने किसी भी शहीद का अपमान नहीं किया। मालेगांव ब्लास्ट की आरोपी साध्वी प्रज्ञा द्वारा मुंबई हमले में शहीद हुए पुलिस अधिकारी हेमंत करकरे को लेकर दिए बयान की काफी आलोचना हो रही है। चुनाव आयोग ने उनके इसी बयान पर एक नोटिस जारी कर 24 घंटे में जवाब मांगा था। प्रज्ञा ने नोटिस के जवाब में कहा, 'मैंने अपने बयान में किसी शहीद की शहादत को लेकर कोई आपत्तिजनक बात नहीं कही है। मेरे बयान की एक लाइन को नहीं देखना चाहिए बल्कि मेरा पूरा बयान देखिए। मैंने तत्कालीन कांग्रेस सरकार द्वारा मुझे जो यातनाएं दी गईं, उनका जिक्र किया था।' साध्वी प्रज्ञा ने आगे कहा, 'मेरे साथ जो भी घटित हुआ, उसे जनता के सामने रखा और यह मेरा अधिकार है। मेरे बयान को मीडिया ने तोड़-मरोड़कर पेश किया। हालांकि जनभावना का सम्मान करते हुए मैंने अपना बयान वापस ले लिया है। मैंने ऐसा कोई कृत्य नहीं किया और ना ही भाषण दिया, जिससे आचार संहिता का उल्लंघन होता हो।'
दरअसल, साध्वी प्रज्ञा ने दिवंगत मुंबई एटीएस चीफ का नाम लेते हुए कहा था, 'मैं मुंबई जेल में थी उस समय। सुरक्षा आयोग के सदस्य ने हेमंत करकरे को बुलाया और कहा कि जब सबूत नहीं है तुम्हारे पास तो साध्वी जी को छोड़ दो। उन्होंने करकरे से कहा कि सबूत नहीं है तो इनको रखना गलत है, गैरकानूनी है। वह व्यक्ति (करकरे) कहता है कि मैं कुछ भी करूंगा, मैं सबूत लेकर आऊंगा। कुछ भी करूंगा, बनाऊंगा, इधर से लाऊं, उधर से लाऊं लेकिन मैं साध्वी को नहीं छोड़ूंगा।' प्रज्ञा ने आगे कहा, 'यह उसकी कुटिलता थी। यह देशद्रोह था, यह धर्मविरुद्ध था। वह कई सवाल करता था। ऐसा क्यों हुआ, वैसा क्यों हुआ? मैंने कहा मुझे क्या पता भगवान जाने। तो उसने पूछा कि क्या ये सब जानने के लिए मुझे भगवान के पास जाना पड़ेगा? मैंने कहा बिल्कुल, अगर आपको आवश्यकता है तो अवश्य जाइए। मैंने कहा तेरा सर्वनाश होगा। ठीक सवा महीने में सूतक लगता है। जब किसी के यहां मृत्यु होती है या जन्म होता है। जिस दिन मैं गई थी उस दिन इसके सूतक लग गया था। ठीक सवा महीने में जिस दिन इसको आतंकवादियों ने मारा उस दिन सूतक का अंत हो गया।' 

Related Posts