नई दिल्ली । दिल्ली में तीसरे सीरो सर्वे की रिपोर्ट चौंकाने वाली है। पिछले दो सर्वे में जहां एंटीबॉडी पाए गए लोगों में इजाफा हुआ था, वहीं तीसरे में यह कम हो गया है। यही वजह है कि विशेषज्ञों का कहना है कि अब दिल्ली में सीरो सर्वे की जरूरत नहीं रह गई है।
इस रिपोर्ट के आधार पर संक्रमण के विस्तार का सही आकलन संभव नहीं है। एंटीबॉडी कम होने की वजह के बारे में डॉक्टरों का कहना है कि जो लोग कोविड से ठीक हो रहे हैं, उनमें से कुछ में 2-3 महीने से ज्यादा एंटीबॉडी नहीं टिक रहा है, यानी वह खत्म हो जा रहा है। यही वजह है कि सीरो सर्वे में एंटीबॉडी मिलने का प्रतिशत बढ़ने के बजाए कम हो गया है। एम्स के कम्युनिटी मेडिसिन के डॉक्टर संजय राय ने बताया कि सीरो सर्वे संक्रमण के विस्तार का पता लगाने के लिए किया जाता है, जब संक्रमण शुरू होता है तब ऐसे सर्वे से फायदा होता है। अब इसका बहुत ज्यादा फायदा नहीं है।
उन्होंने कहा हम सभी जानते हैं कि संक्रमण कम्युनिटी स्तर पर पहुंच चुका है और अब इसे रोक पाना संभव नहीं है। दिल्ली के तीसरे सीरो सर्वे ने इस बात का संकेत दे दिया है कि इसका बहुत ज्यादा फायदा नहीं है। सफदरजंग के कम्युनिटी मेडिसिन के एचओडी डॉक्टर जुगल किशोर ने कहा कि अब ऐसे सर्वे की जरूरत नहीं है, जब एंटीबॉडी ज्यादा समय तक नहीं टिक रहा है तो सही आकलन का पता नहीं चलेगा। ऐसे में सर्वे पर समय और पैसा खर्च करना सही नहीं है।
डॉक्टर जुगल किशोर ने कहा कि दिल्ली में हुए पहले सीरो सर्वे में जो एनसीडीसी द्वारा किया गया था, उसमें 23.48 पर्सेंट में एंटीबॉडी पाया गया था। उस समय 27 जून से लेकर 5 जुलाई के बीच सैंपल लिया गया था। इस सर्वे में कुल 21,387 सैंपल लिए गए थे। दिल्ली में दूसरा सीरो सर्वे दिल्ली सरकार ने मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज की अगुवाई में कराया गया। इस सर्वे में 1 से 7 अगस्त के बीच कुल 15,239 सैंपल लिया गया था और 29.1 पर्सेंट सैंपल में एंटीबॉडी पाया गया था। तीसरे सर्वे में यह 25.1 पर्सेंट आ गया है। यानी लगभग 4 पर्सेंट की कमी आई है।
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हर्ड इम्युनिटी की तरफ बढ़ रहा दिल्ली, विशेषज्ञ बोले अब सीरो सर्वे की जरूरत नहीं