पटना। बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में महागठबंधन में राजद की भूमिका बड़े भाई की होगी और तेजस्वी यादव के नेतृत्व में चुनाव लड़ा जाएगा। महागठबंधन को एकजुट रखने में और ये स्वरूप देने में राजद सुप्रीमो लालू यादव ने रांची से ही सभी दलों को एकजुट रखने में बड़ी भूमिका निभाई। इसके साथ ही महागठबंधन में सीटों का बंटवारा तय हो गया। महागठबंधन के घटक दलों में राजद 144 सीट, कांग्रेस 70 सीट, सीपीआई 6 सीट, सीपीएम 4 सीट और 19 सीटों पर सीपीआई माले चुनाव लड़ेगी। इस बंटवारे में वीआईपी के मुकेश सहनी को भी कुछ सीटें देने की बात हुई थी। लेकिन अंतिम मौके पर तेजस्वी यादव ने कहा कि वीआईपी और जेएमएम को वह अपने खाते से सीट देंगे। इस पर सहनी ने विरोध कर दिया और कहा कि मेरे पीठ पर ख़ंजर मारा गया है।
खबर यह आ रही थी राजद 150 सीट से कम पर चुनाव नहीं लड़ेगी और कांग्रेस को 58 से 60 सीटें ही दी जाएंगी। जब सीटों की घोषणा हुई तो कांग्रेस को 70 सीटें तो मिलीं और राजद को 144 पर संतोष करना पड़ा। जानकारी के अनुसार, लालू यादव ने महागठबंधन को एकजुट रखने के लिए तेजस्वी यादव को मैसेज भिजवा रखा था कि पुराने घटक दल को साथ लेकर चलना है, चाहे थोड़ा नुकसान ही क्यों ना झेलना पड़े। सीटों के बंटवारे के समय कांग्रेस के स्क्रीनिंग कमिटी के अध्यक्ष अविनाश पाण्डेय ने साफ तौर पर कहा कि तेजस्वी यादव युवा हैं, उनमें बिहार को ऊंचाई तक ले जाने की क्षमता है। इस गठबंधन में राजद की बड़े भाई की भूमिका रहेगी और तेजस्वी यादव के नेतृत्व में महागठबंधन बिहार विधानसभा चुनाव लड़ेगा। इस तरह चुनाव परिणाम आने के पहले तेजस्वी मुख्यमंत्री पद के चेहरा भी हो गए। तेजश्वी ने आश्वस्त किया कि वे महागठबंधन द्वारा सौपी गई मुख्यमंत्री पद की जिम्मेवारी पर खड़ा उतरने की पूरी कोशिश करेंगे।
टिकट कटने से नाराज राजद के कई विधायक, पाला बदलने की तैयारी:
बिहार विधानसभा चुनाव में टिकट बंटवारे के साथ ही राजद के कई विधायक अपना टिकट कटने से नाराज हो गए हैं। ऐसे ही रोहतास जिले के काराकाट से सिटिंग विधायक संजय यादव का टिकट उनकी सीट के भाकपा माले के खाते में जाने के कारण कट गया है। विश्वस्त सूत्रों के मुताबिक तेजप्रताप यादव के खास और करीबी बताए जाने वाले संजय यादव किसी भी वक्त पाला बदल सकते हैं। इसके साथ ही यह भी दावा किया जा रहा है कि उनके साथ राजद के चार अन्य विधायक जिनका टिकट इस बार कट गया है वह भी संजय यादव के साथ पाला बदल सकते हैं।दूसरी तरफ पार्टी के सूत्रों ने बताया है कि चरणबद्ध तरीके से उम्मीदवारों के नाम का ऐलान किया जाएगा ताकि उनको अपने इलाके में चुनाव प्रचार करने का पर्याप्त समय मिल सके।