नई दिल्ली । दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रदूषण के खिलाफ ‘युद्ध, प्रदुषण के विरुद्ध’ महा अभियान की शुरूआत की और अभियान के तहत प्रदूषण पैदा करने वाली गतिविधियों के खिलाफ की जाने वाली कार्रवाई की जानकारी दी। सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली सरकार कल से पूसा इंस्टीट्यूटी की निगरानी में पराली के डंठल को गलाकर खाद बनाने के लिए बड़े पैमाने पर घोल तैयार करने जा रही है। इस तकनीक केे सफल होने पर हम अन्य राज्यों से भी इसे लागू करने के लिए अनुरोध करेंगे। हम आज से एंटी-डस्ट कैंपने भी शुरू कर रहे हैं, जिसके तहत मैकेनिकल स्वीपिंग, गड्ढों की मरम्मत और एंटी-स्मॉग गन स्थापित करने समेत कई कदम उठाए जाएंगे।
सीएम केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली में 13 हाॅटस्पाॅट चिंहित किए गए हैं और हर हॉटस्पॉट के लिए अलग-अलग विस्तृत कार्यक्रम बनाए गए हैं। दिल्ली सरकार एक ‘ग्रीन दिल्ली’ एप लांच करेगी, जिस पर कोई भी प्रदूषण फैलाने वाले की फोंटों खींच कर शिकायत कर सकता है, जिसकी मानिटरिंग वह खुद करेंगे। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार ट्री प्लांटेशन पाॅलिसी ला रही है, जिसके तहत पेड़ काटने के बदले 10 नए पौधे लगाने के साथ ही उसमें से 80 प्रतिशत पेड़ों को ट्रांसप्लांट भी करना होगा। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि अक्टूबर का महीना शुरु हो गया है। हम सब जानते हैं कि अक्टूबर, नवंबर, दिसबंर में दिल्ली में प्रदूषण बढ़ जाता है। इन दो-तीन महीने में प्रदूषण के बढ़ने का एक बड़ा कारण होता है कि आसपास के राज्यों के अंदर जो पराली जलती है, उस पराली का धुंआ दिल्ली में आता है। मैं कई बार यह सोचता हूं कि किसान अगर पराली जलाने के लिए मजबूर होता है, तो सबसे ज्यादा धंुआ उस बेचारे किसान और उसके परिवार को बर्दाश्त करना पड़ता है। दिल्ली तक आते-आते धुंआ थोड़ा कम हो जाता होगा और गांव के लोगों को बर्दाश्त करना पड़ता है, किसानों को बर्दाश्त करना पड़ता है। पराली के ऊपर आसपास के राज्य जो भी राज्य काम कर रहे हैं, लेकिन दिल्ली के अंदर जो अपना प्रदूषण है, इसको कम करने के लिए हम जो कुछ भी कर सकते हैं, हमें करना चाहिए। पिछले 5 साल के अंदर दिल्ली के अपने दो करोड़ लोगों ने मिल कर बहुत अच्छा काम किया, बहुत मेहनत की। बहुत लगन के साथ काम करके दिल्ली के लोगों ने अपना प्रदूषण बढ़ने नहीं दिया। पूरी दुनिया के अंदर हर शहर में ट्रैफिक बढ़ने, इंडस्ट्रियल गतिविधियां बढ़ने, आर्थिक गतिविधियां बढ़ने आदि से प्रदूषण बढ़ रहा है। दिल्ली ने एक शानदार काम यह करके दिखाया है कि हमारे यहां ट्रैफिक भी बढ़ा, हमारे यहां औद्योगिक गतिविधियां भी बढ़ीं, हमारे यहां आर्थिक गतिविधियां भी बढ़ी, हमारे यहां सब कुछ बढ़ा, लेकिन दिल्ली के अंदर प्रदूषण बढ़ने की बजाय, दिल्ली में 2014 से 2019 के बीच प्रदूषण वास्तव में कम हुआ है। 2014 में पीएम-2.5 का औसत 154 था और 2018-19 में इसका औसत 115 था। यह 25 प्रतिशत कम हो गया है। यह आप सभी दिल्ली के लोगों ने करके दिखाया है। पिछले 5 साल में दिल्ली के लोगों ने बहुत बड़े-बड़े काम करके दिखाएं हैं।
रीजनल नार्थ
दिल्ली में 13 हाॅटस्पाॅट चिंहित और सबके लिए अलग-अलग कार्यक्रम बनाए