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 ज्यादातर मौतें कोरोना से नहीं, दूसरी बीमारियों-अस्पताल पहुंचाने में देरी से हुई -हिमाचल स्वास्थ विभाग का खुलासा, लोग अभी भी बने हुए हैं कोरोना के प्रति लापरवाह

 ज्यादातर मौतें कोरोना से नहीं, दूसरी बीमारियों-अस्पताल पहुंचाने में देरी से हुई -हिमाचल स्वास्थ विभाग का खुलासा, लोग अभी भी बने हुए हैं कोरोना के प्रति लापरवाह

शिमला। हिमाचल में कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच एक बड़ा खुलासा हुआ है कि रज्य में ज्यादातर मौतों की वजह कोरोना  नहीं, बल्कि दूसरी बीमारियीं भी हैं। इसमें लोगों की लापरवाही भी सामने आई है। स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक प्रदेश में बहुत सारे ऐसे लोगों की मौत हुई है, जो अंतिम समय में अस्पताल पहुंचे हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, 22 लोग ऐसे थे, जिनकी मौत अस्पताल पहुंचने से पहले ही हो गई। बाद में जांच में पता चला कि उन्हें कोरोना भी था। इसी तरह 95 ऐसे लोग हैं, जिनकी मृत्यु अस्पताल लाने के 24 घंटे के भीतर हुई है, विशेष सचिव स्वास्थ्य एवं नेशनल हेल्थ मिशन के एमडी निपुन जिंदल ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि मौत की वजह कोरोना को हल्के में लेना रहा है। स्वास्थ्य विभाग ने एडवाइजरी भी जारी की है कि कोरोना के शुरूआती लक्षणों को हल्के में बिलकुल भी न लें। यह घातक हो सकता है। कुछ लोग कोरोना के लक्षणों को देखते हुए खुद ही दवाइयां लेना शुरू कर देते हैं। खासतौर पर जो किसी दूसरी बीमारी से पीड़ित हों, वो तुरंत डॉक्टरी सलाह लें और बताई गई ट्रीटमेंट ही लें। गौरतलब है कि हिमाचल में अब तक कोरोना से 219 लोगों की मौत हुई है।
 स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक कोरोना रोकने के अभी केवल तीन स्तंभ ही है, जिसमें मुंह पर मॉस्क लगाना, सोशल डिस्टेसिंग और बार-बार हाथ धोना। अगर वैक्सीन आती है तो वो चौथा स्तंभ होगा। जिंदल के मुताबिक, अगर कोई मुंह पर मास्क लगाता है तो उससे सामने वाले व्यक्ति या खुद के संक्रमित होने के चांस 10 प्रतिशत तक रह जाते हैं। इससे ट्रांसमिशन का खतरा कम हो जाता है।
स्वास्थ्य विभाग का मानना है कि अभी कोरोना का पीक नहीं आया है। क्योंकि प्रदेश में मामले बढ़ रहे हैं। अगर मामले बढ़कर कम होना शुरू हो जाते हैं तो उस स्थिति में ही यह कहना उचित होगा कि पीक आया था। विभागीय अधिकारियों के मुताबिक पीक की पूरी जानकारी लॉंग टर्म ट्रेंड के बाद की कही जा सकती है। इस बीच स्वास्थ्य विभाग ने फ्रंट लाइन वर्कर के एंटी बॉडीज टेस्ट शुरू कर दिए हैं। सबसे पहले हेल्थ केयर वर्कर के टेस्ट होंगे। यह केवल स्टडी के लिए किया जा रहा है, क्योंकि इस टेस्ट का कोई अन्य उपयोग नहीं होता है। इससे केवल इतना पता लगाया जा सकता है कि कितने फ्रंट लाइन वर्कर को कोरोना हो चुका है। हिमाचल में अब तक 3 लाख 8 हजार से ज्यादा कोरोना टेस्ट हो चुके हैं, जिसमें 2 लाख 92 हजार  से ज्यादा लोग नेगेटिव आए हैं और 16 हजार से ज्यादा लोग पॉजिटिव हैं। इनमें 3156 लोग एक्टिव हैं, जबकि 12 हजार 633 ठीक हो चुके हैं। 224 लोगों की मौत हो चुकी है,
 

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