वाणिज्य मंत्रालय द्वारा जारी आंकडे के अनुसार वित्त वर्ष 2018-19 में देश का दवा निर्यात 11 प्रतिशत बढ़कर 19, 2 अरब डॉलर रहा। इसकी अहम वजह उत्तरी अमेरिका और यूरोप में मांग बढ़ना है। वित्त वर्ष 2017-18 में देश का दवा निर्यात 17, 3 अरब डॉलर और उससे पिछले वित्त वर्ष में 16,7 अरब डॉलर था। आंकड़ों के मूताबिक देश के कुल दवा निर्यात में उत्तरी अमेरिका की हिस्सेदारी करीब 30 प्रतिशत रही। इसके बाद अफ्रीका की 19 प्रतिशत और यूरोपीय संघ की 16 प्रतिशत हिस्सेदारी रही। वित्त वर्ष 2018-19 में देश का कुल निर्यात 331 अरब डॉलर रहा जिसमें दवा क्षेत्र की हिस्सेदारी करीब छह प्रतिशत रही। कुल दवा निर्यात में भी सबसे अधिक हिस्सेदारी जेनेरिक दवाओं की रही। भारत दुनियाभर में 20 प्रतिशत जेनेरिक दवाओं (सस्ती दवाओं) की आपूर्ति करता है। उद्योग विशेषज्ञों के अनुसार चीन का बाजार भी धीरे-धीरे खुल रहा है और सरकार वहां देश का निर्यात बढ़ाने की लगातार कोशिश कर रही है क्योंकि चीनी बाजार में बेहद संभावनाएं हैं। इसके अलावा दक्षिण अफ्रीका, रूस, नाइजीरिया, ब्राजील और जर्मनी को होने वाले निर्यात में भी वृद्धि देखी गई है।