कोलकाता । पश्चिम बंगाल में बीजेपी कार्यकर्ताओं की कथित हत्याओं को लेकर कोलकाता में पार्टी कार्यकर्ता 'नबन्ना चलो' आंदोलन में विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान बीजेपी कार्यकर्ताओं के राज्य सचिवालय की ओर जाते समय पुलिस और उनके बीच झड़प हुई। पुलिस ने कहा कि बीजेपी कार्यकर्ताओं ने राज्य सचिवालय की ओर मार्च के दौरान बैरिकेड्स को तोड़ने की कोशिश की। कोलकाता और हावड़ा के हजारों बीजेपी कार्यकर्ताओं ने राज्य में 'बिगड़ती' कानून व्यवस्था के विरोध में 'नबन्ना चलो' मार्च शुरू किया।
विजयवर्गीय ने कहा कि हम लोकतांत्रिक तरीके से विरोध कर रहे हैं, लेकिन ममता जी ने हमारे शांतिपूर्ण प्रदर्शन को हिंसक विरोध में बदलने की कोशिश की है। पुलिस के साथ गुंडों ने हम पर पथराव किया। कैलाश विजयवर्गीय ने कहा क्या नियम केवल हमारे लिए हैं? ममता जी खुद हजारों लोगों के साथ प्रदर्शन करती हैं, हमें सोशल डिस्टेंसिंग का पाठ पढ़ाया जा रहा है। नबन्ना चलो' आंदोलन के दौरान हावड़ा में पार्टी कार्यकर्ताओं ने कथित हत्याओं के खिलाफ टायरों में आग लगाई। इस दौरान हावड़ा जिले के संतरागाछी में बीजेपी कार्यकर्ताओं पर आंसू गैस और वॉटर कैनन का इस्तेमाल किया, जिसमें पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष राजू बनर्जी और सांसद ज्योतिर्मय सिंह महतो घायल हो गए।
बीजेपी के सूत्रों ने बताया कि चार प्रमुख रैलियां का आयोजन किया गया था जिसमें से दो कोलकाता और दो हावड़ा जिले से शिबपुर की ओर बढ़नी थी। राज्य में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस सरकार ने बुधवार को महामारी अधिनियम का हवाला देते हुए कार्यक्रम की अनुमति देने से इनकार कर दिया था। प्रशासन ने कहा था कि केवल 100 प्रदर्शनकारी ही रैली में शामिल हो सकते हैं। राज्य सरकार ने घोषणा की है कि नबना 'स्वच्छता' के लिए 8 अक्टूबर से दो दिनों के लिए बंद रहेगा।
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कैलाश विजयवर्गीय ने कहा, ममता जी ने हमारे शांतिपूर्ण प्रदर्शन को हिंसक रुप में बदलने की कोशिश की