आजकल कोरोना के कारण बहुत अधिक अन्य लक्षणों के कारण रोगी,रोग से प्रभावित होते हैं और उस कारण अन्य उपद्रव के अवसर मिलते हैं। जिनमे स्वाद और गंध का न मिलना। विशेषज्ञों के अनुसार कोविड-19 इंफेक्शन के कुल 15 विभिन्न लक्षण हैं। जिनके आधार पर लोग खुद के कोविड-19 संक्रमण की जांच करा सकते हैं। कोरोना वायरस के लक्षणों में सर्दी-खांसी, बुखार, गले में दर्द और डायरिया हैं। इसीलिए, कोविड-19 की टेस्टिंग इन्हीं लक्षणों के आधार पर किया जाता है। लेकिन, एक्सपर्ट्स के अनुसार इन लक्षणों को कोविड-19 का सही लक्षण नहीं माना जा सकता। गंध और स्वाद नहीं समझ पाना ही कोविड-19 का सबसे अहम लक्षण है।
कोरोना वायरस महामारी के बारे में दिन-ब-दिन नयी जानकारियां सामने आ रही हैं। वहीं, कोविड-19 के मामलों में एक बार फिर से बहुत तेज़ उछाल देखा जा रहा है। कोरोना वायरस महामारी ने पूरी दुनिया में जहां 3 करोड़ से अधिक लोगों को प्रभावित किया है वहीं, भारत में भी 65 लाख से अधिक कोरोना वायरस के मामले सामने आ चुके हैं। कोविड-19 के इतने मामलों के सामने आने की एक बड़ी वजह है कोविड-19 टेस्टिंग में तेज़ी । कोरोना वायरस संक्रमण की पहचान के लिए इसके लक्षणों को पर ध्यान देने और उनकी समय पर पहचानना आवश्यक है। गंध और स्वाद नहीं समझ पाना ही कोविड-19 का सबसे अहम लक्षण हैं।
यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ लंदन के मेडिसिन डिपार्टमेंट की एक हालिया रिसर्च के मुताबिक, कोविड-19 संक्रमण में महक यानि गंध ना समझ पाना और स्वाद ना समझ पाने की क्षमता कम हो जाने की समस्या ही सबसे विश्वसनीय संकेत माना जाता है। ब्रिटेन में साइंटिस्ट ने एक रिसर्च में यह दावा किया है कि दुनिया के अलग-अलग देशों में कोरोना से संक्रमित लोगों में ये दोनों ही समस्याएं अधिक देखी गयी।
एक्सपर्ट्स ने 23 अप्रैल से 14 मई की अवधि में सामने आए कोविड-19 केसेस का अध्ययन किया। यह वह दौर है जब लंदन में संक्रमण के मामले बहुत अधिक गति से बढ़ रहे थे। इकट्ठा किए गए आंकड़ों पर ध्यान देने के बाद रिसर्चर्स ने पाया कि- कोरोना संक्रमित 78 प्रतिशत मरीजों में सूंघने और स्वाद लेने की क्षमता बहुत कम या बिल्कुल नहीं थी। 40 प्रतिशत मरीजों में ना तो बुखार था और न ही सर्दी-खांसी जैसे लक्षण उनमें देखे गए। गौरतलब है कि अमेरिका, ब्रिटेन और चीन जैसे बड़े देश अपने देश में कोरोना की दूसरी लहर यानि सेकेंड वेव आने की आशंका जतायी है।एक्सपर्ट्स की राय है कि इन लक्षणों को गम्भीरता से लेने की आवश्यकता है और इनपर ध्यान देकर ही कोरोना वायरस महामारी की दूसरी लहर से बचने में सहायता हो सकती है।
जैसे बुखार का कम न होना की वजह एयर कंडीशनर ,कूलर ,पंखा या खुली हवा में रहने से नहीं उतरता। उसी प्रकार इसका प्रभाव से गंध और स्वाद का न होना भी देखने मिलता हैं ,उसका मुख्य कारण रोग के साथ इलाज़ में एंटीबॉयटिक्स का देना भी होता हैं। इसके लिए आपको चिंता करने की जरुरत नहीं हैं। यह समय के साथ ठीक होता हैं।
स्वस्थ्य होने के बाद कमजोरी का होना भी स्वाभाविक होता हैं। इसके लिए आप आयुर्वेदिक औषधियां भी ले सकते हैं। जैसे हिंग्वाष्टक चूर्ण को खाने के पहले घी में मिलाकर तीन भाग करके भोजन के पहले ,बीच में और अंत में ले सकते हैं। द्राक्षारिष्ट और कुमारीआसव दोनों दो दो चम्मच सुबह शाम भोजन के बाद पानी से चित्रकादि वटी २ २ गोली भोजन के बाद पानी से अजवाइन को हल्का सेंक कर उसमे काला नमक मात्रानुसार मिलाकर खाएं। च्यवनप्राश भी लाभदायक होता हैं।
(लेखक- डॉक्टर अरविन्द जैन)
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गंध और स्वाद ना समझ आना है कोरोना का सबसे महत्वपूर्ण लक्षण