नई दिल्ली । हाथरस कांड को लेकर एक ओर जहां विपक्ष यूपी सरकार की घेराबंदी में लगा हुआ है। वहीं इस पूरे प्रकरण की पुलिसिया जांच में एक अलग एंगल भी सामने आया है।हाथरस कांड के बाद यूपी में जातीय उन्माद फैलाने की साजिश का खुलासा हुआ है।खौफनाक साजिश के पीछे पीएफआई का नाम आया है।पुलिस को मामले में भीम आर्मी के पीएफआई के साथ संलिप्त होने के संकेत भी मिले हैं। जिसके बाद भीम आर्मी के मुखिया चंद्रशेखर आजाद ने खुली चुनौती देकर मुद्दे पर एक ट्वीट किया है। चंद्रशेखर ने ट्वीट में लिखा है,मैं योगी आदित्यनाथ को चैलेंज करता हूं कि कोई भी जांच करवा लें 100 करोड़ दूर की बात यदि मेरे पास एक लाख रुपये भी मिल जाएं,तब मैं राजनीति छोड़ दूंगा वरना आप मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दीजिए।मेरा जीवन मेरे समाज को समर्पित है मेरा खर्च मेरा समाज उठाता है।
गौरतलब है कि पुलिस ने पीएफआई के मुखपत्र के संपादक को गिरफ्तार किया है, जो केरल में है।वह शाहीन बाग के पीएफआई कार्यालय का सचिव भी था। उस मथुरा के पास एक टोल प्लाजा से उस वक्त गिरफ्तार किया गया था।जब वह अपने कुछ साथियों के साथ दिल्ली से हाथरस जाने की फिराक में था। बता दें कि दावा किया गया है कि हाथरस कांड के नाम पर यूपी में उन्माद फैलाने के लिए जातीय संघर्ष कराने का फार्मूला निकाला गया था।लेकिन सुरक्षा एजेंसियों की सतर्कता से साजिश टल गई।हाथरस कांड के बाद हाथरस को जलाने की एक बड़ी साज़िश रची गई थी। विदेशी पैसे से हाथरस की बोली लग चुकी थी।सरकारी सूत्रों ने ये जानकारी दी कि पीएफआई को मामले में 50 करोड़ रुपये की फंडिंग हुई है और ये सब मॉरीशस के रास्ते उन तक पहुंचा है। यही नहीं हाथरस के बहाने 100 करोड़ की फंडिंग की जा चुकी है। यूपी सरकार को पहले दिन से ही संदेह था, हाथरस का माहौल बिगाड़ा जा रहा है। पीएफआई पर सवाल इसकारण भी हैं, क्योंकि बार बार हिंसा के मामलों में इसी संगठन का नाम आता है।इस संगठन को बैन करने की मांग भी उठती रही है।
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पीएफआई से भीम आर्मी के लिंक, गुस्साएं भीम आर्मी के मुखिया ने दी यूपी सरकार को खुली चुनौती एक लाख रुपये में मिल जाएं तब राजनीति छोड़ दूंगा