हाथरस । उत्तर प्रदेश के बहुचर्चित हाथरस कांड को लेकर नित नए खुलासे हो रहे हैं। मामले में जांच कर रही पुलिस और एसआईटी को एक के बाद एक अहम सुराग मिल रहे हैं। जांच के दौरान दावा किया गया है कि यूपी में सांप्रदायिक और जातिगत हिंसा फैलाने के लिए 100 करोड़ रुपये की विदेश से फंडिंग की गई थी। पुलिस ने इस केस में पीएफआई के शामिल होने का भी दावा किया है। अब पुलिस को संकेत मिल रहे हैं कि भीम आर्मी भी इस मामले में शामिल है। पुलिस सूत्रों की मानें तो जांच के दौरान यह संकेत मिले हैं कि हाथरस पीड़िता के केस में भीम आर्मी ने विवाद पैदा किया। आरोप है कि भीम आर्मी के कुछ कार्यकर्ता पीड़िता के परिवार के बीच उनके घर के सदस्य बनकर रह रहे थे और लगातार पुलिस, प्रशासन और मीडिया से बात कर रहे थे। पुलिस का दावा है कि उन्हें इस बारे में जानकारी तब हुई जब पीड़िता के परिवार को सुरक्षा देने के लिए लिस्ट बनाई जा रही थी।
14 सितंबर को हाथरस के एक गांव में पीड़िता के साथ गैंगरेप का आरोप लगा। इलाज के 15 दिन बाद पीड़िता की मौत हो गई। पुलिस ने आधी रात में ही पीड़िता का दाह संस्कार कर दिया। इसके बाद यह मामला तूल पकड़ता गया। इस घटना ने सियासी रंग ले लिया। पीड़िता के परिवार को सुरक्षा देने की मांग उठी। पुलिस ने पीड़िता के परिवारवालों की लिस्ट बनानी शुरू की। पुलिस का दावा है कि परिजनों की लिस्ट बनाने के दौरान पता चला कि इस मामले में एक युवती लगातार बयानबाजी कर रही थी वह उनके परिवार से नदारत थी। उसके अलावा दो और युवक वहां पर नहीं थे। पुलिस को शक है कि तीनों भीम आर्मी के कार्यकर्ता थे जो यहां से लोगों को भड़काने का काम कर रहे थे। इधर जांच के दौरान पीएफआई का नाम आया है। पुलिस ने इस मामले में केरल के एक पत्रकार को गिरफ्तार किया है। पुलिस को जांच के दौरान भीम आर्मी और पीएफआई के इस मामले में संलिप्त होने के संकेत मिले हैं। अब पुलिस ने दोनों की मिलीभगत को लेकर जांच शुरू कर दी है।
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हाथरस केस- विदेश से 100 करोड़ की फंडिंग, पीएफआई और भीम आर्मी के बीच भी मिला लिंक!