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हाथरस कांड में पीड़िता के घर रह रही फर्जी महिला रिश्तेदार का नक्सली कनेक्शन आया सामने -कथित भाभी भड़का रही थी परिवार के लोगों को 

हाथरस कांड में पीड़िता के घर रह रही फर्जी महिला रिश्तेदार का नक्सली कनेक्शन आया सामने -कथित भाभी भड़का रही थी परिवार के लोगों को 

हाथरस । यूपी के हाथरस जिले में दलित समुदाय की युवती से गैंगरेप केस में जारी तफ्तीश के बीच अब एक नया खुलासा हुआ है। इसके अनुसार, हाथरस गैंगरेप पीड़िता के घर पर एक फर्जी महिला रिश्तेदार ने डेरा डाला हुआ था। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अब इस फर्जी रिश्तेदार का नक्सल कनेक्शन सामने आया है जिसकी पुलिस जांच कर रही है। दरअसल, पिछले दिनों पीड़िता के परिवार में कथित महिला रिश्तेदार देखी गई। आरोप है कि खुद को युवती को भाभी बताने वाली यह महिला फर्जी रिश्तेदार बनकर घर पर रह रही थी और पीड़ित परिवार को बरगला रही थी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, महिला मध्य प्रदेश जबलपुर की रहने वाली है और अपना नाम कथित तौर पर डॉ. राजकुमारी बताया। केवल दलित होने के नाते परिवार के लोगों को भरोसे में लेकर वह कई दिनों से यहां रह रही थी। महिला जबलपुर मेडिकल कॉलेज में खुद को प्रोफेसर बता रही थी। जब पुलिस को शक हुआ तो महिला चुपचाप वहां से गायब हो गई।
रिपोर्ट्स का कहना है कि यह फर्जी रिश्तेदार परिवार को बता रही थी कि मीडिया में क्या बयान देना है और परिवार को लगातार गाइड कर रही थी। अब माना जा रहा है वह महिला संदिग्ध नक्सली है और उसका नक्सल कनेक्शन है। वह खुद को परिवार का रिश्तेदार बताकर मीडिया में सरकार के खिलाफ बयान भी दे रही थी। फिलहाल एसआईटी महिला की तलाश कर रही है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, संदिग्ध महिला वह 16 सितंबर से ही पीड़िता के गांव, यानी घटना के दो दिन बाद से ही सक्रिय हो गई थी। वह पीड़ित परिवार के साथ घर में रहकर वह परिवार के लोगों को रूप से भड़का रही थी। अब एसआईटी जल्द ही इसका खुलासा कर सकती है। इससे पहले हाथरस केस में पीएफआई कनेक्शन भी सामने आ चुका है। सरकार की ओर से कहा गया था कि हाथरस में जातीय हिंसा फैलाने के लिए बाहर से पैसा आया और मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो मॉरिशस से 50 करोड़ रुपया भेजा गया था।
जांच एजेंसियां हाथरस कांड के बहाने सांप्रदायिक हिंसा भड़काने में एक वेबसाइट की भूमिका खंगाल रही हैं। आरोप है कि 'जस्टिसफॉरहाथरस' नाम से बनी इस वेबसाइट पर जाति-संबंधी हिंसा को भड़काने के लिए हाथरस की घटना से संबंधित फर्जी सूचनाएं दी गईं। हालांकि अब यह वेबसाइट इनऐक्टिव हो गई है। वहीं पुलिस ने कथित रूप से पीएफआई से जुड़े 4 लोगों को भी अरेस्‍ट किया था। पुलिस सूत्रों के अनुसार, 'जस्टिसफॉरहाथरस' वेबसाइट के पीछे पीएफआई जैसे समूह हो सकते हैं। हाथरस कांड में एसआईटी की जांच जारी है। एसआईटी ने पीड़िता के गांव से 40 लोगों से पूछताछ की। इसमें आरोपियों के रिश्तेदार और पीड़िता के पड़ोसी भी शामिल थे। एसआईटी ने सभी ने घटना के दिन और अंतिम संस्कार के बारे में पूछा। एसआईटी यह जानना चाहती है कि घटना के वक्त वहां कौन-कौन उपलब्ध था और किसने क्या देखा।
 

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