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निजी जीवन को बेहतर बनाने आहार ,विहार और सकारत्मक सोच 

निजी जीवन को बेहतर बनाने आहार ,विहार और सकारत्मक सोच 

बड़ी संख्या में लोगों का व्यक्तिगत जीवन बुरे दौर से गुजर रहा है। इसका कारण है एंग्जाइटी और तनाव। यहां जानें अपनी पर्सनल  लाइफ  को आप किस तरह खुशनुमा बनाकर रख सकते हैं...
ताजा आंकड़ों के अनुसार इस समय हमारे समाज में एंग्जाइटी और स्ट्रेस के मरीजों की संख्या लगभग दोगुनी हो चुकी है। हम यह बात मनोचिकित्सकों से प्राप्त जानकारी के आधार पर कह रहे हैं। हालांकि इसका कोई सरकारी डेटा हमें अभी नहीं मिल पाया है लेकिन दिल्ली-एनसीआर में मनोरोगियों का इलाज कर रहे डॉक्टर्स का कहना है कि लॉकडाउन में ढील मिलने के बाद ऐसे रोगियों की संख्या बहुत अधिकता बढ़ गई है, जो स्ट्रेस और एंग्जाइटी के कारण अपनी पर्सनल लाइफ को इंजॉय नहीं कर पा रहे हैं...
-आप इस बात को बेहतर तरीके से समझ सकते हैं कि कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था चरमराई हुई है। हमारे देश में भी ऐसे लोगों की बड़ी संख्या है जिनकी जॉब चली गई है या बिजनस घाटे में चल रहा है।
-इस कारण लोग आर्थिक संकट का सामना कर रहे हैं तो कुछ भविष्य की अनिश्चितता को लेकर तनाव झेल रहे हैं। इस एंग्जाइटी और तनाव का असर बड़ी संख्या में लोगों की मेंटल, फिजिकल और पर्सनल हेल्थ पर दिख रहा है।
-किसी बीमारी से ग्रसित होकर हॉस्पिटल के चक्कर लगाना और मेडिकल स्टोर पर दवाई लेने में हजारों रुपए खर्च करने से कहीं बेहतर है कि आप ऐसी लाइफस्टाइल को फॉलो करें जो आपको तनावमुक्त रखे और एंग्जाइटी के चलते आपको दवाओं का सेवन ना करना पड़े।
-स्ट्रेस और एंग्जाइटी के चलते बड़ी संख्या में लोगों की पर्सनल हेल्थ भी प्रभावित हुई है। इस कारण सेक्स में अरुची, जल्द इजैक्यूलेश, इरेक्टाइल डिसफंक्शन जैसी समस्याएं भी लोगों को परेशान कर रही हैं।
तनाव के कारण हॉर्मोन्स में बदलाव और हॉर्मोन्स के असंतुलन के कारण मूड ठीक ना रहना भी बेडरूम लाइफ को बुरी तरह प्रभावित कर रहा है। यहां जानें किस तरह आप अपनी सेक्स लाइफ को हैपी और हेल्दी रख सकते हैं...
-इस बात में कोई दोराय नहीं है कि आर्थिक, सामाजिक और भावनात्मक रूप से हम सभी एक कठिन दौर से गुजर रहे हैं। लेकिन यह मुश्किल समय भी बीत जाएगा। हम सभी को हिम्मत रखने की जरूरत है। क्योंकि रोकर काटें या हंसकर बिताएं, इस कठिन समय का सामना तो हम सभी को करना है ही। क्योंकि इसका कोई विकल्प नहीं है।
-कोरोना महामारी के दौर में घर से बाहर निकलना खतरे से खाली नहीं है। हम नहीं जानते कि थोड़ी-सी चूक से कब कोरोना वायरस की गिरफ्त में आ जाएं।
-लेकिन खुद को शारीरिक और मानसिक रूप से फिट रखना भी बेहद जरूरी है। इसलिए आप घर में ही अपनी छत, बालकनी या हॉल में योगासन जरूर करें। आप रस्सी भी कूद सकते हैं।
कच्चा प्याज और लहसुन बहुत ही गुणकारी सब्जियां हैं। अपने भोजन में इनका उपयोग करने के साथ ही आप इनका कच्चा प्याज और कच्चा लहसुन भी खाएं। ये दोनों ही सब्जियां आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने और हॉर्मोनल संतुलन को बनाए रखने में मदद करती हैं।
बादाम का सेवन: रात को पानी में भिगोकर रखे गए बादाम को आप सुबह छीलकर इनका सेवन करें। इसके बाद आप दूध या चाय, जो भी लेना आपको पसंद हो उसका सेवन कर सकते हैं।
-बादाम गुणों से भरपूर एक ड्राई फ्रूट है। जो शारीरिक और मानसिक रूप से मजबूती देने का काम करता है। मेंटल हेल्थ सही रहती है तो आप कठिन से कठिन समय का सामना करते हुए भी खुशहाल जीवन जी सकते हैं। इसके साथ ही बादाम यौन इच्छा में आई कमी को दूर करने का कार्य करता है।
एवकाडो खाएं: एवकाडो एक तरह का सुपरफूड होता है। यह फल आपकी कार्डियोवस्कुलर हेल्थ को सही रखने का काम करता है। साथ ही इरेक्टाइल डिसफंक्शन की समस्या से बचाने में भी बहुत प्रभावी है। इस फल में फाइवर, न्यूट्रिऐंट्स, विटमिन बी-6 और पोटैशियम बहुत अच्छी मात्रा में पाए जाते हैं।
इसके अलावा प्रोटीन का सबसे सस्ता और अच्छा स्त्रोत --सोयाबीन ,मूंगफली और चना को बराबर मात्रा में लेकर उसकी बर्फी बनाकर उपयोग कर सकते हैं।
सकारातमक सोच के लिए कुछ सत्साहित्य ,धार्मिक ,महापुरुषों की जीवन गाथा के साथ भावना योग का चिंतन बहुत लाभकारी हो सकता हैं। जैसे आज पूरे दिन शांत रहूँगा ---३ ,मैं संयम से रहूँगा --३ ,आज पूरे दिन सकारत्मक रहूँगा --३ मैं पवित्र रहूँगा --३ ,मैं खुश हूँ। मैं पवित्र हूँ। मैं संयत हूँ। मैं शांत हूँ। मैं शुद्ध आत्मा हूँ  ,मैं पवित्र आत्मा हूँ ,मैं शांत आत्मा हूँ ,मैं आत्मा हूँ।  मेरा यह समय भी बीत जायेगा ,इस समय में आत्मबलि हूँ ,मैं निर्भय हूँ। इस समय बहुत धैर्य की जरुरत हैं। इस समय थोड़ा हैं थोड़े की जरूरत हैं इस भावना की बारबार दुहराना चाहिए। कुछ व्यायाम ,ध्यान के लिए समय निकालना चाहिए। नकारत्मक सोच को किसी भी तरह हावी न होने दे।
(लेखक - डॉ. अरविन्द जैन)
 

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