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रसूखदार कोर्ट को मनी पावर से चलाना चाहते हैं? - सुको

रसूखदार कोर्ट को मनी पावर से चलाना चाहते हैं? - सुको

सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस रंजन गोगोई के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोपों को एक वकील द्वारा 'साजिश' बताए जाने के दावे की सुनवाई के दौरान तीन जजों की बेंच काफी गुस्से में थी। वकील उत्सव बैंस ने शीर्ष अदालत में एक हलफनामा दाखिल कर दावा किया है, कि मुख्य न्यायाधीश पर आरोप एक बड़ी साजिश का हिस्सा है। मामले की सुनवाई कर रही बेंच ने कहा कि हम हमेशा सुनते हैं कि बेंच फिक्सिंग हो रही है। यह हर हाल में बंद होना चाहिए। बेंच ने कहा कि हम जज के रूप में काफी चिंतित हैं। जस्टिस अरुण मिश्रा ने तो यहां तक कह दिया कि क्या अमीर और रसूखदार लोग देश और कोर्ट को मनी पावर से चलाना चाहते हैं? वकील उत्सव सिंह बैंस के दावे पर सुनवाई करते हुए जस्टिस अरुण मिश्रा, जस्टिस आर एफ नरीमन और जस्टिस दीपक गुप्ता की बेच काफी गुस्से में दिखी। उल्लेखनीय है कि वकील बैंस ने अपने हलफनामे में दावा किया था कि चीफ जस्टिस रंजन गोगोई के खिलाफ यौन उत्पीड़न का आरोप एक बड़ी साजिश का हिस्सा है। वकील ने दावा किया है कि उनके पास इस बात के सबूत भी हैं। वकील बैंस के हलफनामे में लगे आरोपों की जांच को लेकर आज दो बजे कोर्ट आदेश पारित करेगा।
काफी गुस्से में नजर आ रहे जस्टिस अरुण मिश्रा ने कहा, 'लोग नहीं जानते कि आग से खेल रहे हैं। अब समय आ गया है, अब हम चुप नहीं बैठेंगे।' जस्टिस अरुण मिश्रा ने कहा अमीर और रसूखदार लोग देश और कोर्ट को मनी पावर से चलाना चाहते हैं। कई चीजें गलत हो रही हैं। जब भी बड़े लोगों से संबंधित केस आते है, सुनवाई होने को होती है लेटर लिखे जाते हैं पावरफुल लोग समझते हैं कि वो कोर्ट चला सकते हैं। अरुण मिश्रा ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता को संबोधित करते हुए गुस्से में कहा, 'पिछले 3-4 सालों से सुप्रीम कोर्ट में जो चल रहा है, जिस तरह से आरोप लगाए जा रहे हैं ऐसे में तो यह संस्था खत्म हो जाएगी।  जज के रूप में हम बहुत चिंतित हैं।' जस्टिस अरुण मिश्रा ने कहा, 'पैसे वाले और प्रभावशाली लोग सोचते है कि वे सुप्रीम कोर्ट को चला रहे हैं। यह अदालत पैसै और सत्ता के पावर से नही चलाई जा सकती। हम सभी लोगों को साफ कर देना चाहते है कि न्यायिक प्रक्रिया में दखल स्वीकार नहीं होगा|

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