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महंत योगी के राज में संत भी असुक्षित, 6 महीने में 3 साधुओं की हत्या, 4 की रहस्यमय मौत

महंत योगी के राज में संत भी असुक्षित, 6 महीने में 3 साधुओं की हत्या, 4 की रहस्यमय मौत

लखनऊ । उत्तर प्रदेश में महंत योगी आदित्यनाथ की सत्ता में बिगड़ती कानून व्यवस्था को लेकर विपक्ष लगातार घेराबंदी कर रहा है। गोण्डा जिले में रविवार को राम जानकी मंदिर के पुजारी को गोली मार दी गई। इससे पहले पश्चिमी उत्तर प्रदेश में पिछले छह महीने के भीतर तीन साधुओं की हत्या हो चुकी है तो चार साधुओं की मौत का रहस्य बरकरार है। दो घटनाओं को छोड़कर अन्य किसी का आज तक खुलासा नहीं हुआ है। विपक्षी दलों ने साधुओं की मौत को मुद्दा बनाते हुए प्रदेश सरकार पर निशाना साधा है। एक दिन पहले बागपत जिले की यमुना नदी में साधु की लाश बरामद हुई तो राजनीतिक दलों ने इसे मुद्दा बना लिया। यूपी कांग्रेस ने ट्विटर पर एक पोस्ट में दावा किया है कि दो साल में 20 साधुओं की हत्या हुई है। इस रिपोर्ट में कांग्रेस ने एक मैप बनाया है। मैप में उल्लेख है कि प्रदेश में कहां-कहां साधुओं को निशाना बनाया गया है। बिजनौर, बागपत, बुलंदशहर और मेरठ में हुई साधुओं की मौत का भी जिक्र है। 
मुद्दा बनाने की तैयारी- 
साधुओं की मौत को विपक्षी दल मुद्दा बनाने की तैयारी में हैं। इस रणनीति के तहत वह ऐसे मामलों को जोर-शोर से उठा रहे हैं। खासकर इन प्रकरणों को सीधे मुख्यमंत्री से जोड़ रहे हैं। बुलंदशहर में दो साधुओं की हत्या का मामला पालघर से जोड़कर देखा गया था।
कब कहां हुई हत्या-
28 अप्रैल 2020 को बुलंदशहर जिले के अनूपशहर क्षेत्र में मंदिर में सो रहे दो साधुओं गरीबदास उर्फ जगनदास व शेर सिंह उर्फ सेवादास की गला रेतकर हत्या कर दी गई। इस मामले में मुरारी की गिरफ्तारी हुई।
14 जुलाई 2020 में मेरठ के अब्दुल्लापुर गांव में शिव मंदिर के सेवादार कांतिप्रसाद की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई। अनस कुरैशी ने कांतिप्रसाद के गले में पड़े भगवा दुपट्टे पर धार्मिक टिप्पणी कर दी। विरोध करने पर उन पर हमला किया गया।
9 सितंबर 2020 को बिजनौर के ग्राम पहाड़पुर खुर्द में मंदिर परिसर में सो रहे योगानंद महाराज की संदिग्ध परिस्थिति में मौत। सिर से खून निकलता मिला।
24 सितंबर 2020 में मेरठ की सरधना गंगनहर में एक लाश बहती हुई मिली। वेशभूषा से इस बात का पता चला है कि वह कोई साधु की लाश है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में पानी में डूबने से मौत की पुष्टि हुई।
24 सितंबर 2020 में बागपत के टीकरी कस्बे में एक तालाब किनारे साधु की लाश मिली। वेशभूषा से उसके साधु होने की बात सामने आई। 15 दिन बीतने के बावजूद लाश की शिनाख्त नहीं हो सकी है।
09 अक्टूबर 2020 को बागपत में निवाड़ा पुलिस चौकी के पास यमुना नदी में साधु का तैरता हुआ शव मिला। पुलिस ने पोस्टमार्टम के लिए भेजा। शरीर पर कोई चोट का निशान नहीं। अभी पोस्टमार्टम रिपोर्ट नहीं आई।
 

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