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महाराष्ट्र के राज्यपाल द्वारा इस्तेमाल की गई भाषा पर हैरान और आश्चर्यचकित हूँ - शरद पवार

महाराष्ट्र के राज्यपाल द्वारा इस्तेमाल की गई भाषा पर हैरान और आश्चर्यचकित हूँ - शरद पवार

मुंबई । एनसीपी प्रमुख शरद पवार  ने  महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी  द्वारा मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे पर 'सेकुलर' तंज को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को  चिट्ठी ल‍िखी है। उनका कहना है कि वह राज्यपाल द्वारा इस्तेमाल की गई भाषा पर हैरान और आश्चर्यचकित हैं। 
कोश्यारी ने मुख्यमंत्री उद्धव सिंह ठाकरे को धार्मिक स्थल खोलने को लेकर एक पत्र लिखा था, जिस पर विवाद शुरू हो गया। भारतीय जनता पार्टी राज्य भर में मंदिर खोलने के लिए सांकेतिक भूख हड़ताल कर रही है। इस पर राज्यपाल ने अपने पत्र में मुख्यमंत्री के हिंदुत्व पर सवाल उठाते हुए पूछा है कि 'क्या आप अचानक से सेक्युलर हो गए?'
इस पर मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से एक जवाब भेजा गया है, जिसमें उद्धव ठाकरे ने कहा है कि 'पत्र में मेरे हिंदुत्व का उल्लेख करना गलत है। हिंदुत्व के लिए मुझे आपके सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं है।' मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने ये भी लिखा कि 'मेरे राज्य की राजधानी को पाक अधिकृत कश्मीर कहने वालों को हंसते हुए घर में स्वागत करना मेरे हिंदुत्व में नहीं बैठता है।' ज्ञात रहे कि बॉलीवुड एक्ट्रेस कंगना रनौत ने मुंबई की तुलना पाक अधिकृत कश्मीर से की थी। बावजूद इसके राज्यपाल ने कंगना को मिलने का समय दिया था।
सोमवार को गवर्नर कोश्यारी ने उद्धव ठाकरे को एक चिट्ठी लिखकर कहा था कि उन्हें कोविड गाइडलाइंस के साथ धार्मिक स्थलों को दोबारा खोलने के लिए 'तुरंत घोषणा करने का आग्रह' किया था। उन्होंने अपनी चिट्ठी में लिखा था, 'आप हिंदुत्व के बड़े तरफ़दार रहे हैं। आपने अयोध्या जाकर भगवान राम के लिए अपना समर्पण सार्वजनिक रूप से जाहिर किया था। आपने पंढरपुर में विट्ठल रुक्मिणी मंदिर के दर्शन किए थे और आषाढ़ी एकादशी पर पूजा की थी। मैं समझना चाह रहा हूं कि क्या आपको धार्मिक स्थलों को दोबारा खोलने की प्रकिया को बार-बार टालने के लिए कोई दिव्य संदेश मिल रहा है या फिर आप खुद सेकुलर बन चुके हैं, जो कभी आपको खुद कभी पसंद नहीं था?'
उन्होंने यह भी लिखा कि दिल्ली में 8 जून से और कुछ दूसरे शहरों में जून के आखिर से ही धार्मिक स्थल खुल गए हैं और 'वहां पर कोविड के मामलों में बढ़ोतरी नहीं देखी गई है।' उन्होंने यह भी कहा, 'यह विडंबना है कि सरकार ने बार, रेस्टोरेंट और बीच वगैरह को खोलने की अनुमति दे दी है लेकिन दूसरी ओर हमारे देवी-देवताओं को लॉकडाउन में रखा गया है।'
अपने जवाब में उद्धव ठाकरे ने यह भी कहा है कि मंदिरों को दोबारा खोलने में देरी करना 'सेकुलरिज्म का सवाल नहीं है।' उन्होंने यह सवाल भी किया क्या राज्यपाल अपनी संवैधानिक शपथ भूल गए हैं? 
 

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