मुंबई । निजी क्षेत्र की अग्रणी बैंक आईसीआईसीआई की पूर्व प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी (सीईओ) चंदा कोचर के पति दीपक कोचर को धनशोधन मामले में 17 अक्टूबर तक के लिए ईडी की हिरासत में भेज दिया गया है। ईडी ने दीपक कोचर को आईसीआईसीआई बैंक-वीडियोकॉन मामले में मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम कानून (पीएमएलए) की धाराओं के तहत सितंबर में गिरफ्तार किया था। कोचर को गिरफ्तारी के बाद 19 सितंबर तक ईडी की रिमांड पर भेज दिया गया था लेकिन उनके कोरोना वायरस से संक्रमित पाए जाने के बाद इसे टाल दिया गया और उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। उन्हें अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया। खबरों के मुताबिक ठीक होने के बाद जांच एजेंसी ने उन्हें विशेष पीएमएलए अदालत के समक्ष फिर पेश किया। ईडी ने चंदा कोचर, दीपक कोचर और वीडियोकॉन समूह के प्रवर्तक वेणुगोपाल धूत एवं अन्य के खिलाफ सीबीआई के प्राथमिकी दर्ज करने के बाद इस मामले की जांच शुरू की थी।
आरोप है कि दीपक कोचर की फर्म न्यूपावर रिन्यूएबल्स में 2010 में 64 करोड़ रुपए वीडियोकॉन ग्रुप और 325 करोड़ मैट्रिक्स फर्टिलाइजर के द्वारा निवेश किया गया था। ये निवेश आईसीआईसीआई बैंक से लोन मिलने के तुरंत बाद किया गया था। आने वाले समय में चंदा कोचर के लिए भी मुश्किल बढ़ सकती है क्योंकि जांच एजेंसी वीडियोकॉन और मैट्रिक्स के अलावा अन्य कंपनियों को लोन देने की भी जांच कर रही है। जांच एजेंसी उन सभी लोन्स की जांच कर सकती है जो चंदा कोचर ने आईसीआईसीआई बैंक प्रमुख रहते हुए कंपनियों को दिए थे। इससे पहले ईडी ने चंदा कोचर से संबंधित संपत्ति भी अटैच की थी। शक के घेरे में वीडियोकॉन लोन केस से संबंधित सभी चीजों को ईडी ने अटैच कर लिया था। इसके अलावा ईडी ने कोचर की करीब 78 करोड़ रुपए की संपत्ति भी अटैच की है। चंदा कोचर और बैंक के अन्य आठ लोगों पर वीडियोकॉन ग्रुप को लोन देने में लापरवाही का आरोपी बनाया गया है।
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धनशोधन मामले में दीपक कोचर 17 अक्टूबर तक के लिए ईडी की हिरासत में भेजे गए