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हम इस मामले को छोड़ नहीं सकते, छवि स्वच्छ रखना हमारी जिम्मेदारी: सुप्रीम कोर्ट

हम इस मामले को छोड़ नहीं सकते, छवि स्वच्छ रखना हमारी जिम्मेदारी: सुप्रीम कोर्ट

सीजेआई के खिलाफ लगे आरोपों के पीछे बड़ी साजिश होने के दावों पर सुनवाई के दौरान बुधवार को जबरदस्त गहमागहमी रही। अधिवक्ता उत्सव सिंह बैंस द्वारा पेश हलफनामे का जिक्र करते हुए कोर्ट ने कहा, अगर यह गलत हुआ तो हम बर्दाश्त नहीं करेंगे, लेकिन इस पर गौर करेंगे, क्योंकि वह (बैंस) इस अदालत के अधिकारी हैं। कोर्ट ने कहा, हलफनामे में किए दावे बहुत गंभीर हैं। युवा वकील के नाते बैंस का पूरा कॅरिअर बचा हुआ है। उन्हें पता है कि गलत हलफनामा देने का क्या अंजाम होगा। कोर्ट ने कहा कि हम इस मामले को छोड़ नहीं सकते। संस्था की छवि स्वच्छ रखने के साथ ही यह सुनिश्चित करना भी हमारी जिम्मेदारी है कि ऐसे आरोपों से संस्थान की छवि धूमिल न हो। इसलिए हम इसकी जांच करेंगे। खचाखच भरे कोर्ट रूम में सुनवाई के दौरान जस्टिस अरुण मिश्रा, जस्टिस आरएफ नरीमन और जस्टिस दीपक गुप्ता की बेंच ने शीर्ष कोर्ट के फैसलों में छेड़छाड़ के आरोपी कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई करने पर सीजेआई रंजन गोगोई की तारीफ की। जस्टिस मिश्रा ने कहा कि ऐसा पहले भी होता रहा था, लेकिन कभी किसी सीजेआई ने ऐसी कार्रवाई करने की हिम्मत नहीं दिखाई। हो सकता है कि आरोप लगाने वाली महिला ने इनसे मिलीभगत कर साजिश रची हो। इसलिए जांच जरूरी है। जो भी सच सामने आना चाहिए। 
गौरतलब है कि उद्योगपति अनिल अंबानी से जुड़े अवमानना मामले में अदालती आदेश में छेड़छाड़ करने पर सीजेआई ने तपन चक्रवर्ती और मानव शर्मा बर्खास्त किया गया था। सुनवाई के दौरान कोर्ट में नाटकीय घटनाक्रम भी दिखा। कोर्ट की सहायता कर रहे अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने बताया कि अधिवक्ता उत्सव सिंह बैंस की फेसबुक पोस्ट और उनके द्वारा कोर्ट में पेश हलफनामे के तथ्य एक-दूसरे से मेल नहीं खाते। बैंस ने फेसबुक पर लिखा था कि असंतुष्ट जजों के समूह ने सीजेआई के खिलाफ साजिश रची थी, जबकि हलफनामे में इसका कोई उल्लेख नहीं है। बैंस ने कुछ तथ्यों के खुलासे इनकार करते हुए आंशिक विशेषाधिकार का दावा किया। 
कोर्ट के पूछने पर एजी का कहना है कि मुझे समझ में नहीं आता कि कोई कैसे कुछ आरोप लगा सकता है और बाकी के दावे को विशेषाधिकार बता सकता है। उत्सव ने अटॉर्नी जनरल की टिप्पणी का विरोध किया। इस पर जस्टिस आरएफ नरीमन ने कहा, अटॉर्नी जनरल बार के सबसे प्रतिष्ठित व्यक्ति हैं, उनके खिलाफ ऐसी बात नहीं की जा सकती। अगर कोई संदेह है तो हम आपको बाहर निकाल देंगे। उत्सव बाहर निकलने लगे तो जस्टिस मिश्रा ने उनको रोका और कहा, आप नौजवान वकील हैं। बातों को दिल पर नहीं लगाना चाहिए। इसके बाद बैंस रुक गए।

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