नई दिल्ली । राजधानी दिल्ली से सटे एनसीआर क्षेत्र में बढ़ते वायु प्रदूषण के निरीक्षण के लिए सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड की 50 टीमों को गुरुवार को तैनात किया गया। केंद्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि दिल्ली प्रदूषण में पराली की हिस्सेदारी चार फीसद है बाकी धूल, निर्माण और बायोमास जलने जैसे स्थानीय कारकों की हिस्सेदारी है। उन्होंने कहा कि निरीक्षण के लिए दिल्ली-एनसीआर में सीपीसीबी की 50 टीमों की तैनाती की जाएगी। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि दिल्ली में सर्दी के दिनों में प्रदूषण की स्थिति हमेशा गंभीर होती है। पंजाब में पिछले साल से ज्यादा पराली जल रही है, केंद्र सरकार ने इतनी अधिक मशीन दी है, पंजाब सरकार को ध्यान देना चाहिए कि वहां पराली ज्यादा न जले।
इससे पहले दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने पराली के कारण उत्तर भारत में बढ़ते प्रदूषण को लेकर चिंता जताई थी। उन्होंने कहा था कि इस साल कोरोना संकट के कारण पराली का प्रदूषण काफी जानलेवा है। वहीं उन्होंने आरोप लगाया कि उत्तर भारत को प्रदूषण से बचाने में केंद्र सरकार पूरी तरह से नाकाम है। इसके लिए उन्होंने केंद्र सरकार से तत्काल ठोस कदम उठाने की मांग की थी।
दिल्ली में बढ़ रहे वायु प्रदूषण को रोकने के लिए दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति ने 15 अक्टूबर यानी आज से आवश्यक और आपातकालीन सेवाओं को छोड़कर डीजल, पेट्रोल और केरोसिन से चलने वाले जनरेटर सेट्स के उपयोग पर बैन लगा दिया है। जेनरेटर पर यह प्रतिबंध अगले आदेश तक जारी रहेगा। इस दौरान जेनरेटर चलाने की छूट सिर्फ अस्पतालों, रेलवे और आवश्यक सेवाओं को दी जाएगी। इसके अलावा अगर कहीं भी इसे संचालित करता हुआ पाया गया तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) ने इस संबंध में जानकारी दी है। डीपीसीसी ने बताया कि राजधानी दिल्ली में आपातकालीन सेवाओं को छोड़कर 15 अक्टूबर से डीजल, पेट्रोल, केरोसिन से चलने वाले जेनरेटर पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।
रीजनल नार्थ
दिल्ली-एनसीआर में तैनात होंगी सीपीसीबी की 50 टीमें : प्रकाश जावड़ेकर