लखनऊ । देश में उपचुनाव के दौरान यूपी की 7 विधानसभा सीटों पर चुनाव भाजपा के लिए बड़ी चुनौती है और उसकी प्रतिष्ठा दांव पर लगी हुई है क्योंकि सात में से छह सीटों पर पार्टी का ही कब्जा था। इसी को ध्यान में रखते हुए भाजपा ने सभी सातों सीटों पर अपने उम्मीदवारों का ऐलान कर दिया था। हालांकि, देवरिया सीट के लिए पार्टी नेताओं के बीच टिकट बंटवारे को लेकर सहमति बनने में कुछ देर हुई थी। भाजपा ने नौगांव सादात में योगी सरकार में मंत्री रहे चेतन चौहान की पत्नी संगीता चौहान और बुलंदशहर में विधानसभा में मुख्य सचेतक रहे वीरेंद्र सिरोही की पत्नी उषा सिरोही पर दांव खेला है। भाजपा सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक पार्टी ने पहले से ही मन बना लिया था कि बुलंदशहर और नौगांव सादात सीट पर दिवंगत विधायकों के परिजनों को उम्मीदवार बनाना है।
योगी सरकार में मंत्री रहे चेतन चौहान का कोरोना संक्रमण से निधन हो गया जबकि कई बार के विधायक और पूर्व राजस्व मंत्री वीरेंद्र सिरोही का बीमारी के चलते निधन हो गया था। राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि भाजपा ने नौगांव सादात में चेतन चौहान की पत्नी संगीता चौहान और बुलंदशहर में वीरेंद्र सिरोही की पत्नी उषा सिरोही को उम्मीदवार बनाकर सहानुभूति का कार्ड खेलने की कोशिश की है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, दोनों ही सीट पर भाजपा पहले दिवंगत विधायकों के बेटों को टिकट देना चाहती थी लेकिन चेतन चौहान के बेटे की उम्र चुनाव लड़ने के लिए अभी कम थी जबकि वीरेंद्र सिरोही के दोनों बेटे खुद को उम्मीदवार समझने लगे थे और विवादों में आ गए थे। जिसके बाद अंतत: पार्टी ने मां को उम्मीदवार बनाने का निर्णय किया।
दिवंगत चेतन चौहान की पत्नी संगीता चौहान राजनीति में अभी नई-नई हैं। उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से बीए ऑनर्स और एलएलबी की पढ़ाई की है। हाई कोर्ट में वकालत कर चुकी संगीता चौहान पिछले साल ही सेंट्रल बैंक की महाप्रबंधक पद से रिटायर हुई हैं और उन्हें राजनीतिक अनुभव नहीं हैं। कुछ ऐसा ही हाल वीरेंद्र सिरोही की पत्नी उषा सिरोही का भी है। लेकिन भाजपा द्वारा उम्मीदवार बनाए जाने के बाद दोनों ही नई पारी का अनुभव लेने के लिए तैयार हैं।
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने अमरोहा की नौगांव सादात में बूथ स्थर पर बैठक की और बूथ अध्यक्ष से मुलाकात भी की। साथ ही साथ बैठक में मौजूद तमाम कार्यकर्ताओं को चुनावी टिप्स दिए। इस बैठक में क्षेत्रीय अध्यक्ष मोहित बेनिवाल भी मौजूद रहे। उपचुनाव के लिए पहले ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और स्वतंत्र देव सिंह ने पिछले हफ्ते सातों सीटों के बूथ स्तर के कार्यकर्ताओं से वीडियो कांफ्रेंसिंग से संवाद स्थापित कर चुके हैं। भाजपा चाहती है कि सात में से सातों सीटों पर जीत दर्ज की जाए क्योंकि सात में से छह सीटों पर पहले से ही उनका कब्जा था।
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