पटना । दिवगंत रामविलास पासवान की मौत के बाद उनके बेटे चिराग पासवान ने कहा है कि पिता की सलाह पर ही उन्होंने बिहार में एनडीए से अलग होकर चुनाव में उतरने का फैसला लिया है। चिराग कहा कि उनके पिता दिवगंत रामविलास पासवान ने ही उन्हें बिहार में चुनाव में अकेले उतरने की सलाह दी थी। चिराग ने बताया कि उन्होंने फैसले से केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को भी अवगत कराया था, लेकिन वह इस पर चुप थे। चिराग ने कहा, मेरे पिता ने मुझसे कहा था कि अगर एलजेपी को मजबूत करना चाहते हो,तब बिहार विधानसभा चुनाव में अकेले उतरना ही अच्छा है। इससे पार्टी और संगठन को मजबूती मिलेगी। एलजेपी प्रमुख ने दावा किया है कि जब अमित शाह से मिले,तब उन्होंने उनसे कहा कि एनडीए के एजेंडे में 'बिहार फर्स्ट- बिहारी फर्स्ट' को शामिल किया जाए। इसके अलावा ये भी कहा था कि एनडीए में जितनी सीटें उन्हें ऑफर की जा रही थी एलजेपी के लिए उस स्वीकार करना मुश्किल है। इसके बाद उनसे कहा गया कि जेडीयू के प्रत्याशियों के खिलाफ एलजेपी अपने उम्मीदवार उतारेगी। इतना कुछ कहने के बाद भी अमित शाह ने कुछ नहीं कहा, वह केवल सारी बातें सुनते रहे। जब ये बातें हो रही थी उस दौरान वहां बीजेपी के अध्यक्ष जेपी नड्डा भी मौजूद थे। चिराग ने कहा कि वह नीतीश के खिलाफ मजबूती से लड़ रहे हैं। हालांकि उन्होंने दोहराया कि बीजेपी के प्रति गठबंधन धर्म निभाने के लिए वह प्रतिबद्ध हैं। यह फैसला लेने से पहले चिराग ने पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं से सलाह-मशविरा किया था।
बता दें कि बिहार के उपमुख्यमंत्री और बिहार बीजेपी के कद्दावर नेता सुशील कुमार मोदी सार्वजनिक रूप से कह चुके हैं कि रामविलास कभी नहीं चाहते थे कि एलजेपी एनडीए से अलग हो। अगर रामविलास पासवान होते तब एलजेपी एनडीए के घटक दल के रूप में बिहार विधानसभा चुनाव में उतरती। इसपर चिराग ने कहा कि यह फैसला लेने के लिए उनके पिता ने ही उन्हें प्रेरित किया था।
एलजेपी प्रमुख ने कहा कि बीजेपी के कई नेताओं जैसे गृहराज्य मंत्री नित्यानंद राय और शाहनवाज हुसैन ने पिछले कुछ महीनों में रामविलास पासवान से बात की थी और उनकी इसी इच्छा के बारे में जाना था। चिराग ने कहा, 'मेरे पिता एनडीए से अलग होने को लेकर बिल्कुल ही स्पष्ट थे। उन्होंने मुझे कहा अगर आज आपकी वजह से मौजूदा मुख्यमंत्री (नीतीश कुमार) अगले पांच साल तक और इसी पद पर रहते हैं तो, आपको 10 से 15 साल तक इस बात का पछतावा होता रहेगा कि आपकी वजह से राज्य को पांच साल और नुकसान उठाना पड़ा।'
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चिराग का दावा, दिवगंत पिता के कहने पर ही एनडीए से अलग होकर चुनाव में उतरने का फैसला लिया