नई दिल्ली । किसी व्यक्ति की उम्र से यह तय नहीं किया जा सकता कि कोविड-19 के लिए जिम्मेदार सार्स-सीओवी-2 से उसके संक्रमित होने की कितनी आशंका है, लेकिन उसके लक्षणों का विकास, बीमारी की तीव्रता और मृत्यु-दर बहुत कुछ उम्र पर निर्भर है। यह ताजा खुलासा हुआ एक अध्ययन में। अध्ययन में दिखाया गया है कि बुजुर्ग लोगों में कोविड-19 के गंभीर लक्षण ज्यादा विकसित होते हैं और उनमें मृत्युदर ज्यादा होती है।
वैज्ञानिकों ने इसके लिए जापान, स्पेन और इटली के उपलब्ध आंकड़ों का इस्तेमाल किया और दिखाया कि कोविड-19 से ग्रस्त होने की आशंका का उम्र से कोई लेना देना नहीं है जबकि कोविड-19 के लक्षण, तीव्रता और मृत्युदर उम्र पर निर्भर करती हैं। एक अध्ययन के मुताबिक बुजुर्ग लोगों की मृत्यु के पीछे दो कारक हो सकते है। पहला, अपनी बढ़ी उम्र के कारण उनके संक्रमित होने की आशंका कितनी है, जो कई मामलों में नजर आई है और दूसरा, बीमारी के गंभीर स्वरूप से उनके प्रभावित होने की संभावना कितनी है जो मृत्युदर में परिलक्षित है। अनुसंधानकर्ताओं ने कहा कि मई 2020 में मृत्युदर- प्रति एक लाख लोगों पर मौत की संख्या- इटली के लिये 382.3, स्पेन के लिये 507.2 और जापान के लिये 13.2 थी। उन्होंने कहा कि मृत्युदर में व्यापक असमानता के बावजूद, मृत्युदर में उम्र वितरण- प्रति आयुवर्ग मौत की आनुपातिक संख्या- इन देशों के लिये समान थी।
अनुसंधानकर्ताओं ने अलग-अलग स्थितियों में प्रत्येक आयुवर्ग के लिये सुग्राह्यता की गणना के लिये एक गणितीय मॉडल विकसित किया। अनुसंधानकर्ताओं ने कहा कि कोविड-19 के लिये इन कारकों को पूरी तरह से नहीं समझा गया है। उन्होंने इटली, स्पेन और जापान के आंकड़ों का इस्तेमाल उम्र, सुग्राह्यता और तीव्रता के बीच किसी संबंध के निर्धारण के लिये किया क्योंकि इन देशों में आंकड़े अच्छी तरह से दर्ज और सार्वजनिक रूप से उपलब्ध हैं।
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कोरोना के जोखिम में उम्र का योगदान नहीं -ताजा अध्ययन में हुआ खुलासा