नई दिल्ली । पंजाब की कैप्टन अमरिंद सिंह की नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार केंद्र के कृषि बिलों की काट में विधानसभा में एक विधेयक पेश करने जा रही है। आम आदमी पार्टी ने शिरोमणि अकाली दल के साथ मांग की है कि अध्यादेश की कॉपी उन्हें पहले दिखाई जाए। इसकी मांग लिए उन्होंने विधानसभा के अंदर सो कर रात बिताई और अपना विरोध दर्ज कराया। केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ पंजाब विधानसभा के विशेष सत्र में पेश किए जाने वाले प्रस्तावित कानून की प्रतियां नहीं मिलने के खिलाफ विपक्षी विधायकों ने कल विधानसभा के अंदर धरना दिया। पंजाब विधानसभा का दो दिवसीय विशेष राज्य के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह केंद्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ एक विधेयक लाएंगे। विधेयक को मंजूरी के लिए सदन में पेश किया जाएगा। हालांकि, विपक्षी दलों आम आदमी पार्टी और शिरोमणि अकाली दल ने विधेयक के मसौदे को सार्वजनिक करने की मांग की थी।अकाली दल ने राज्य सरकार से कृषि उपज के लिए पंजाब को प्रमुख बाजार यार्ड घोषित करने के लिए कहा ताकि केंद्र के कानून राज्य में लागू न हों, इसे सबसे तेज और सबसे प्रभावी काउंटर उपाय करार दिया। निवेश में सुधार और रोजगार पैदा करने के लिए कैबिनेट ने फैक्ट्रीज पंजाब संशोधन अध्यादेश, 2020 को एक विधेयक में परिवर्तित करने के लिए अपनी मंजूरी दे दी, जिसे विधानसभा में अधिनियम, 1948 में संशोधन करने के उद्देश्य से लाया जा सकता है। विधेयक में मामलों के तेजी से निपटारे और अदालती कार्रवाई में कमी के अलावा, क्रमश 10 और 20 से 20 और 40 के लिए छोटी इकाइयों के लिए मौजूदा सीमा को बदलने की सुविधा होगी। राज्य में छोटी इकाइयों द्वारा विनिर्माण में वृद्धि के साथ परिवर्तन आवश्यक हो गया है।
रीजनल नार्थ
आप विधायकों ने पंजाब सरकार से मांगी अध्यादेश की कॉपी