YUV News Logo
YuvNews
Open in the YuvNews app
OPEN

फ़्लैश न्यूज़

नेशन

इस बार पहले से ज्यादा आसान है काशी में पीएम मोदी की राह

इस बार पहले से ज्यादा आसान है काशी में पीएम मोदी की राह

उत्तर प्रदेश की वाराणसी लोकसभा सीट से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक बार फिर चुनाव मैदान में हैं। पीएम मोदी शुक्रवार को अपना नामांकन पत्र दाखिल करेंगे। लेकिन, नामांकन से पहले गुरुवार को वाराणसी में मेगा रोड शो कर उन्होंने विपक्ष को अपनी ताकत का एहसास करा दिया है। सन 2014 के लोकसभा चुनाव में मोदी काशी से चुनाव लड़कर पूर्वांचल में विपक्षी दलों का सफाया कर दिया था। वाराणसी सीट से कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के चुनाव लड़ने के कयास लगाए जा रहे थे, लेकिन इसी बीच कांग्रेस ने अजय राय को इस सीट से उम्मीदवार बना दिया है। वहीं सपा ने ऐसे उम्मीदवार पर दांव लगाया है जो मेयर के चुनाव में भाजपा की मृदुला जायसवाल से मात खा चुकी हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि नरेंद्र मोदी की राह इस बार 2014 से भी आसान है। यही वजह है कि भाजपा के नेता रिकॉर्ड मतों की जीत का भरोसा जता रहे हैं।
2014 के लोकसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के साथ-साथ वड़ोदरा से चुनावी मैदान में उतरे थे। लेकिन सियासी घमासान वाराणसी के रण में देखने को मिला था, मोदी के खिलाफ आम आदमी पार्टी के संयोजक केजरीवाल और कांग्रेस से अजय राय ने ताल ठोककर चुनावी मुकाबले को दिलचस्प बना दिया था। देश भर की निगाहें वाराणसी सीट पर टिक गई थी। केजरीवाल अपनी टीम के साथ बनारस की गलियों में घूम-घूम कर वोट मांग रहे थे। इसी का नतीजा था कि नरेंद्र मोदी ने चुनाव प्रचार के आखिरी तीन दिनों तक वाराणसी में डेरा जमा दिया था। इस दौरान उन्होंने रोड शो और छोटी-छोटी नुक्कड़ सभाएं करके वाराणसी के सियासी माहौल को 'मोदीमय' बना दिया था। इसके बाद कहीं जाकर नरेंद्र मोदी ने केजरीवाल को करीब पौने चार लाख मतों से मात देकर जीत हासिल की थी। 
वाराणसी सीट पर कांग्रेस के अजय राय, बसपा के अजय प्रकाश जायसवाल और सपा के कैलाश चौरसिया मिलाकर जितना वोट हासिल किया था, उससे कहीं ज्यादा नरेंद्र मोदी के हिस्से में आए थे। 2019 के लोकसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी एक बार फिर सियासी संग्राम में हैं। मोदी के खिलाफ गठबंधन की ओर से सपा ने शालिनी यादव को उतारा है। जबकि कांग्रेस ने अजय राय के नाम का ऐलान किया है।  काशी हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के प्रोफेसर अशोक कौल ने कहा कि नरेंद्र मोदी के सामने पूरा मैदान खाली पड़ा है। पिछले पांच साल में बनारस में बहुत विकास कार्य हुए हैं। विपक्ष के पास कोई ऐसा चेहरा नहीं है जो मौजूदा समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को टक्कर दे सके। उन्होंने कहा कि विपक्ष जरूर जातीय गोलबंदी के जरिए मोदी के सामने चुनौती पेश करने की बात कर रहे हैं पर इसमें कामयाबी मिलने की संभावना बहुत कम है। 
वहीं संकटमोचन मंदिर के महंत प्रोफेसर विश्वम्भरनाथ मिश्र का कहना है कि नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री हैं, उनके मुकाबले में अब तक कोई मजबूत प्रत्याशी नहीं दिखाई दे रहा है। इसके बावजूद नरेंद्र मोदी वाराणसी में मेगा रोड शो कर रहे हैं। जबकि इसकी कोई जरूरत नहीं है।  उन्होंने कहा मोदी ने यहां से चुनाव जीतने के बाद बनारस की बहुत सारी चीजें चौपट कर दी है। यह शांत शहर था, लेकिन आज पूरा बनारस परेशान और बेचैन नजर आ रहा है। बनारस के लोगों के जेब में भले ही पैसे न हो लेकिन वो अपनी जिंदगी को जीते हैं। नरेंद्र मोदी के आने के बाद बनारस की पहचान को मिटाया जा रहा है।

Related Posts