नई दिल्ली । भारत में साइबर अपराधों के कारण वर्ष 2019 में 1.25 लाख करोड़ रुपढ का नुकसान हुआ है। आने वाले दिनों में साइबर सुरक्षा को लेकर खतरें बढ़ेंगे क्योंकि देश स्मार्ट शहर विकसित करने के साथ 5जी नेटवर्क समेत अन्य कदम उठा रहा है। नेशनल साइबर सिक्योरिटी समन्वयक लेफ्टिनेंट जनरल (डा.) राजेश पंत ने कहा कि कुछ ही भारतीय कंपनियां साइबर सुरक्षा से जुड़े उत्पाद बना रहे हैं और इस क्षेत्र में काफी कुछ करने की जरूरत है। पंत ने साइबर हमलों को रोकने के लिए स्वदेशी सामाधान विकसित करने को लेकर साइबर सुरक्षा के लिए अलग से उद्योग मंच गठित करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि पिछले साल आधिकारिक आंकड़े के अनुसार साइबर हमलों के कारण 1.25 लाख करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। रैनसमवायर हमले लगातार बढ़ रहे हैं और ये अपराधी घरों से काम कर रहे हैं। मोबाइल जैसे उपकरणों को लेकर स्थिति नाजुक है। फोन जैसे उपकरणों का उपयोग लोग विभिन्न सेवाओं के लिए कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमने मोबाइल फोन पर साइबर हमलों का विश्लेषण किया। हमने पाया कि केवल ऐप ही नहीं बल्कि 15 अलग-अलग तत्व हैं, जिससे साइबर हमले हो सकते हैं। इसमें परिचालन प्रणाली, उसका प्रोसेसर, मेमोरी चिप, ब्लूटूथ और वाईफाई तक शामिल हैं। पंत के अनुसार राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा रणनीति (एनसीएसएस) का मकसद भारत में सुरक्षित, भरोसेमंद और गतिशील साइबरस्पेस सुनिश्चित करना है। उन्होंने कहा कि एनसीएसएस फिलहल उच्च स्तर पर है और अंतिम स्तर की मंजूरी की प्रतीक्षा है।
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देश में साइबर अपराधों से पिछले साल 1.25 लाख करोड़ का नुकसान: पंत