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 दिल्ली की आबोहवा को लेकर एलजी अनिल बैजल चिंतित

 दिल्ली की आबोहवा को लेकर एलजी अनिल बैजल चिंतित

नई दिल्ली । दिल्ली की बिगड़ती आबोहवा के मद्देनजर उपराज्यपाल अनिल बैजल ने विभिन्न एजेंसियों को राजधानी में प्रदूषण फैलाने वाली गतिविधियों के खिलाफ कार्रवाई में तेजी लाने का निर्देश दिया है। एक अधिकारी ने यह जानकारी देते हुए बताया कि कि उपराज्यपाल ने संबद्ध अधिकारियों को प्रदूषण के स्थानीय कारणों, जैसे कि कूड़ा जलाना एवं अन्य गतिविधियों के खिलाफ कार्रवाई करने को कहा है। इस बीच, पर्यावरण प्रदूषण रोकथाम एवं नियंत्रण प्राधिकरण ईपीसीए ने  वायु गुणवत्ता के ''गंभीर श्रेणी में जा सकने की आशंका को लेकर अपने एक बयान में कहा कि वह स्थिति पर करीबी नजर रखे हुए हैं। साथ ही, आगाह किया कि किसी भी व्यक्ति को बहुत जरूरी होने पर ही बाहर निकलना चाहिए तथा हर वक्त मास्क पहने रहना चाहिए। बैजल ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, पर्यावरण मंत्री गोपाल राय, मुख्य सचिव विजय देव और दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की। बैजल ने ट्वीट किया, 'अधिकारियों को यह निर्देश भी दिया गया कि वे दिल्ली में बढ़ते वायु प्रदूषण की रोकथाम करें और उसमें कमी लाने के लिए कोशिशें करें। दिल्ली में शुक्रवार सुबह वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 374 और शाम के समय 366 दर्ज किया गया था। एक दिन पहले यह 302 था।उल्लेखनीय है कि 0 और 50 के बीच वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) को 'अच्छा', 51 और 100 के बीच 'संतोषजनक', 101 और 200 के बीच 'मध्यम', 201 और 300 के बीच 'खराब', 301 और 400 के बीच 'बहुत खराब' तथा 401 और 500 के बीच को 'गंभीर' माना जाता है। अलीपुर में यह सूचकांक 447, शादीपुर में 441, मुंडका में 419, वजीरपुर में 432, आनंद विहार में 405, बवाना में 413, विवेक विहार में 422, रोहिणी में 401, जहांगीरपुरी में 418 और पटपड़गंज में 405 दर्ज किया गया। ईपीसीए ने वायु गुणवत्ता  और बदतर होने की अपनी आशंका के लिए पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय की वायु गुणवत्ता निगरानी प्रणाली 'सफर के अनुमानों का हवाला दिया है। सफर ने कहा है कि दिल्ली क्षेत्र में हवा की गति बहुत शांत है और अगले दो दिन तक भी इसके ऐसे ही रहने का पूर्वानुमान है। सफर ने कहा कि  ऐसा पूर्वानुमान है कि 24 और 25 अक्टूबर को वायु गुणवत्ता 'बहुत खराब के उच्चतम स्तर और यहां तक कि 'गंभीर श्रेणी में पहुंच सकती है। ईपीसीए सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त प्रदूषण निगरानी प्राधिकरण है।  
 

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