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 कभी काम की तलाश में भटकते थे ‘कालीन भैया’ पंकज त्रिपाठी, अब मिन्नतें करते हैं प्रड्यूसर-डायरेक्टर -पहले मुझे काम की तलाश में जाना पड़ता था, लेकिन अब काम खुद मुझे ढूंढता हुआ मेरे पास आता है

 कभी काम की तलाश में भटकते थे ‘कालीन भैया’ पंकज त्रिपाठी, अब मिन्नतें करते हैं प्रड्यूसर-डायरेक्टर -पहले मुझे काम की तलाश में जाना पड़ता था, लेकिन अब काम खुद मुझे ढूंढता हुआ मेरे पास आता है

मुंबई। पंकज त्रिपाठी अब फिल्मों का एक जाना-पहचाना चेहरा हैं। हालांकि एक वक्त ऐसा भी था कि उन्हें दर-दर की ठोकरें खाने के बाद भी काम नहीं मिलता था। ऐक्टर पंकज त्रिपाठी ने फिल्मों में कुछ इतने बेहतरीन किरदार निभाए हैं कि सभी लोग उन्हें जानते हैं। हाल में पंकज त्रिपाठी के मुख्य किरदार वाली वेब सीरीज 'मिर्जापुर' का सेकंड सीजन रिलीज हुआ है जिसके जरिए लोग उन्हें आज भी 'कालीन भैया' के नाम से पहचानते हैं।   अपने स्ट्रगल के दौर पर बात करते हुए पंकज ने कहा, 'पिछले कुछ सालों में मेरा करियर बदल गया है। पहले मुझे काम की तलाश में जाना पड़ता था, लेकिन अब काम खुद मुझे ढूंढता हुआ मेरे पास आता है। एक समय था जब मैं ऑडिशन के लिए दर-दर की ठोकरें खाता था, ऑफिसों के बाहर बैठा रह था और कहता था- मैं एक ऐक्टर हूं, मुझे काम दे दो। अब लोग मेरे पास ही काम लेकर आ रहे हैं। 
पंकज त्रिपाठी के पास अब काम की कोई कमी नहीं है। प्रड्यूसर-डायरेक्टर उन्हें अपनी फिल्मों में कास्ट करने के लिए कितने उत्साहित हैं, इसका अंदाजा इस बात से ही लगाया जा सकता है कि साल-डेढ़ साल बाद शुरू होने वाली फिल्मों की स्क्रिप्ट भी उन्हें पहले ही पहुंचा दी जाती है। पुराने समय को याद करते हुए पंकज ने कहा, 'पहले का समय बहुत कठिन था। मुझे पता होता था कि फिल्म की शूटिंग कहां हो रही है। मैं वहां जाता था और मुझे बताया जाता था कि फिल्म की यूनिट शूटिंग करके पहले ही जा चुकी है। पंकज त्रिपाठी का कहना है कि ऐक्टिंग उनके लिए जुनून है और इसीलिए वह इतना स्ट्रगल कर पाए। उन्होंने कहा, ऐक्टिंग मेरे लिए प्योर पैशन का जॉब है। आप यह नहीं कह सकते कि अरे इसमें तो कुछ भी एक्साइटमेंट नहीं है। मैं पहले भी इसे जुनून के साथ करता था। उस समय मेरे लिए एक्साइटमेंट पैसे के लिए होता था क्योंकि तब यहां सर्वाइव करना था। पहले जीना जरूरी है उसके बाद कला आती है। अगर आप एक बार सर्वाइव कर जाते हैं तो आपके अंदर अपनी कला के लिए एक्साइटमेंट आता है। अगर आपके भीतर से उत्साह नहीं आ रहा है तो आप ऐक्टिंग नहीं कर सकते।'
 

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