आजकल इंटरनेट और कम्पयूटर के इस युग में युवा होते किशोरों की समस्याएं भी बढ़ गयी हैं। युवावस्था के दौरान प्यूबर्टी (यौवन से संबंधित) हॉर्मोन सीखने की क्षमता को बाधित करते हैं। शोधकर्ताओं के मुताबिक, ये हॉर्मोन मस्तिष्क के एक खास हिस्से को प्रभावित करते हैं। जिससे नया सीखने और समझने की क्षमता कम होती है।
एक अध्ययनकर्ता ने कहा,'हमने पाया है कि यौवन से संबंधित हॉर्मोन मस्तिष्क के फ्रंटल कॉर्टेक्स के लिए एक 'स्वीच' की तरह काम करता है, जो सीखने की क्षमता में बाधा पैदा करता है। वहीं आधुनिक शहरी परिवेश में लड़कियां तनाव और मोटापे की समस्या के कारण समय से पहले बड़ी हो रही हैं, जो स्कूलों में उनके खराब प्रदर्शन और मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ा है।
प्रयोग के दौरान जानवरों में जब प्यूबर्टी से संबंधित हॉर्मोन दिया गया, तो शोधकर्ताओं ने उनके फ्रंटल कॉर्टेक्स के तंत्रिका संचार में महत्वपूर्ण बदलाव देखा। ये बदलाव फ्रंटल मस्तिष्क में हुए, जो सीखने, ध्यान देने तथा स्वभाव के नियंत्रण से जु़ड़ा है।
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समय से पहले युवा होते किशोर