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 कोई व्यक्ति का प्रभावशाली होना, जमानत खारिज करने का आधार हो सकता : सुप्रीम कोर्ट 

 कोई व्यक्ति का प्रभावशाली होना, जमानत खारिज करने का आधार हो सकता : सुप्रीम कोर्ट 

नई दिल्ली । नॉर्थ ईस्ट दिल्ली हिंसा मामले में पिंजरा तोड़ अभियान की कार्यकर्ता देवांगना कलिता को दी गई जमानत के खिलाफ दिल्ली पुलिस की अपील सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी है। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार (पुलिस) की अर्जी खारिज करते हुए कहा कि कोई व्यक्ति प्रभावशाली हो वह जमानत खारिज करने का आधार नहीं हो सकता। सुप्रीम कोर्ट में अडिशनल सॉलिसिटर जनरल ने दलील दी कि देवांगना प्रभावशाली हैं, वहां गवाहों पर दबाव बनाकर साक्ष्यों को प्रभावित कर सकती हैं, तब सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सिर्फ जमानत दी गई है। कोर्ट ने सवाल किया कि कैसे साक्ष्यों को प्रभावित करेंगी। अदालत ने अर्जी खारिज कर दी। सुप्रीम कोर्ट में दिल्ली सरकार की ओर से पेश अडिशनल सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने कहा कि देवांगना कलिता प्रभावशाली हैं, वह गवाहों को प्रभावित कर सकती हैं और साक्ष्य प्रभावित हो सकता है। इसकारण जमानत कैंसल किया जाना चाहिए। तब सुप्रीम कोर्ट ने सवाल किया कि क्या कोई व्यक्ति अगर प्रभावशाली है तब वह जमानत खारिज करने का आधार हो सकता है।
सुप्रीम कोर्ट ने जमानत ऑर्डर में दखल से मना कर दिया। देवांगना के खिलाफ दिल्ली पुलिस ने सीएए के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान कई एफआईआर दर्ज किए थे। दिल्ली हाईकोर्ट ने एक सितंबर को देवांगना को जमानत दी थी जिसके खिलाफ दिल्ली सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट में अपील दाखिल की गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली हाईकोर्ट के जमानत के आदेश में दखल से इनकार कर दिया। दिल्ली हाई कोर्ट ने एक सितंबर को देवांगना को 20 हजार रुपये के मुचलने और इतनी ही राशि के जमानती पेश करने की शर्त पर जमानत दी थी। हाई कोर्ट ने कहा था कि आरोपी सीधे और परोक्ष तौर पर किसी भी तरह से गवाहों को प्रभावित न करें। साक्ष्यों को प्रभावित न करें और कोर्ट की इजाजत के बगैर देश से बाहर न जाएं। 
 

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