नई दिल्ली । यूपी में कोविड-19 के दौर के बावजूद देशी विदेशी कंपनियों द्वारा 45 हजार करोड़ का निवेश का रास्ता साफ हो गया है। यह प्रस्ताव अमेरिका, यूके, जर्मनी, जापान, कनाडा, दक्षिण कोरिया आदि की कंपनियां की ओर से आए हैं। यही नहीं इनमें कई कंपनियों को जमीन भी आवंटित हो गई है और इसके जरिए 1,35,362 लोगों को रोजगार मिलेगा। औद्योगिक विकास आयुक्त आलोक टंडन व औद्योगिक विकास विभाग के अपर मुख्य सचिव आलोक कुमार ने शुक्रवार को प्रेसवार्ता में यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इन कंपनियों में हीरानंदानी ग्रुप, सूर्या ग्लोबल, हिंदुस्तान यूनिलीवर, एमजी कैप्सूल्स, केशो पैकेजिंग, माउंटेन व्यू टेक्नॉलॉजी इत्यादि हैं।
इन कंपनियों को औद्योगिक विकास प्राधिकरणों ने निवेश परियोजनाओं के लिए लगभग 426 एकड़ (326 भूखण्ड) आवंटित किए हैं, जिसमें लगभग 6,700 करोड़ रुपये का निवेश प्रस्तावित है। हीरानंदानी ग्रुप ग्रेटर नोएडा में बीस एकड़ जमीन पर उत्तर भारत का सबसे बड़ा डाटा सेंटर में रु. 750 करोड़ का निवेश कर बनाएगा। ब्रिटानिया इण्डस्ट्रीज वाराणसी में 300 करोड़ की लागत से एकीकृत खाद्य प्रसंस्करण यूनिट लगाएगी। एसोसिएटेड ब्रिटिश फूड पीएलसी (एबी मौरी) (यूके) द्वारा बरगढ़ चित्रकूट में 750 करोड़ का निवेश से खमीर मैन्यूफैक्चरिंग प्लांट लगाएगी। डिक्सन टेक्नोलॉजीज़ द्वारा कन्ज़्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स में नोएडा ग्रेटर नोएडा में 200 करोड़ का निवेश करेगीवॉे वॉनलिक्स (जर्मनी) द्वारा यमुना एक्सप्रेसवे प्राधिकरण व आगरा में फुटवियर निर्माण में रु. 300 करोड़ का निवेश किया।
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यूपी में 45 हजार करोड़ के निवेश का रास्ता साफ