नई दिल्ली ।बिहार की चुनावी जंग में आतंकवाद का मुद्दा भी अहम हो गया है। जम्मू-कश्मीर में गुरुवार को भाजपा के तीन कार्यकर्ताओं की आतंकियों ने हत्या कर दी थी। भाजपा इसको लेकर आक्रामक है। इसका असर सामाजिक समीकरणों के ध्रुवीकरण पर पड़ सकता है। इसके पहले महबूबा मुफ्ती के तिरंगा को लेकर दिए बयान को भी भाजपा ने उठाया था। भाजपा ने पुलवामा की घटना पर पाकिस्तान के खुलासे पर भी विपक्ष को घेरा है। दूसरी तरफ कांग्रेस ने महबूबा की रिहाई के समय पर सवाल उठाया था। जम्मू-कश्मीर में आतंकी हमले में अपने तीन कार्यकर्ताओं की हत्या के बाद भाजपा के तेवर आक्रामक हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने इन पर गहरा दुख भी जताया है। नड्डा ने दो टूक कहा है कि इन कार्यकर्ताओं का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा। नड्डा ने इसे कायराना हमला करार देते हुए कहा है कि ऐसे राष्ट्रभक्तों का जाना देश के लिए बड़ी क्षति है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी युवा कार्यकर्ताओं की हत्या की भर्त्सना करते हुए कहा है कि वे जम्मू-कश्मीर में उत्कृष्ट काम कर रहे थे। बिहार के चुनाव में रोजगार के बड़े मुद्दे व सत्ता विरोधी रुख को लेकर सत्तारूढ़ गठबंधन की चिंताएं पहले से बढ़ी हुई हैं। विपक्ष के एम-वाई समीकरण की चुनौती भी है। ऐसे में एनडीए खासकर भाजपा राजद और कांग्रेस पर ज्यादा हमलावर है। भाजपा राष्ट्रीय मुद्दों पर कांग्रेस को ज्यादा घेर रही है। चूंकि इस बार कांग्रेस काफी सीटों पर चुनाव लड़ रही है और भाजपा का मानना है कि वहां पर वह राजद के साथ मुकाबले वाली सीटों की तुलना में ज्यादा प्रभावी है। इसलिए कांग्रेस को कठघरे में खड़ा कर बढ़त बनाने की कोशिश की जा रही है। पार्टी के एक प्रमुख नेता ने कहा है कि चुनाव देश का हो या राज्य का उसका असर पूरे देश पर पड़ता है। इसलिए किस दल का चाल चेहरा चरित्र कैसा है, यह जनता के सामने आना चाहिए। खासकर आतंकवाद के मुद्दों पर सवाल उठा कर सबूत मांगने वालों का सच बिहार की जनता भी जाने। जम्मू-कश्मीर की घटनाएं वैसे तो राज्य के चुनावों से सीधा कोई ताल्लुक नहीं रखती हैं, लेकिन ध्रुवीकरण की स्थिति बनने पर यह घटनाएं असर डालती हैं। पुलवामा की घटना पर पाकिस्तान से हुए खुलासे के बाद भाजपा को विपक्ष पर हमलावर होने का मौका भी मिला है और वह कांग्रेस से लेकर विपक्ष के तमाम दलों के सबूत मांगने की बात पर करारे प्रहार कर रही है।
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कांग्रेस के हिस्से वाली सीटों पर भाजपा की नजर