भारत के पैसेंजर कार मार्केट को बड़ा झटका लग सकता है। जिसके कारण साल 2021 तक पैसेंजर कार मार्केट में 7 फीसदी तक की गिरावट देखने को मिल सकती है। इसकी वजह हैं, डीजल कारें महंगी हो गई हैं और मारुति सुजुकी अगले साल तक डीजल कारें बेचना बंद कर देगी। विशेषज्ञों का कहना हैं कि अप्रैल 2020 के बाद डीजल कारें बेचना बंद करने से जुड़े मारुति सुजुकी के फैसले से वित्तवर्ष 2021 तक पैसेंजर कारों की सालाना बिक्री 2,00,000-2,50,000 यूनिट्स या 7 फीसदी घट सकती है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि दुनिया के चौथे सबसे बड़े पैसेंजर वीइकल मार्केट को वित्तीय साल 2020 में सात सालों में सबसे सुस्त ग्रोथ रेट का सामना करना पड़ सकता है और 2021 में सेल्स घट सकती है। आईएचएस मार्केंट में कंट्री लीड (प्रॉडक्शन फोरकास्टिंग) गौरव वांगल का कहना है कि मार्केट से कई मॉडल वापस लिए जाने और भारत स्टेज 6 एमिशन नॉर्म्स लागू होने के कारण 2019-20 में सेल्स वॉल्यूम पर असर पड़ सकता है।उनका कहना है, 2019 में लाइट वीइकल मार्केट के 3-4 फीसदी के हिसाब से ग्रोथ करने का अनुमान है। वहीं,2019 में मारुति सुजुकी की ग्रोथ 2-3 फीसदी रह सकती है।'
वांगल का कहना है कि आईएचएस साल 2020 के लिए भारत में फ्लैट ग्रोथ अनुमान लगा रहा था,लेकिन मारुति सुजुकी के हालिया फैसले से मार्केट ग्रोथ में उम्मीद से कहीं ज्यादा गिरावट देखने को मिल सकती है। मारुति सुजुकी ने घोषणा की है कि वह अगले साल अप्रैल के बाद 1.5 लीटर से नीचे वाली डीजल कारों को पूरी तरह से बेचना बंद कर देगी। भारत के पैसेंजर वीइकल मार्केट को तेल की बढ़ती कीमतों, ऊंची ब्याज दरों और कमजोर कंज्यूमर डिमांड के कारण मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। ओवरऑल मार्केट में डीजल कारों की हिस्सेदारी एक दशक से ज्यादा के निचले स्तर 19 फीसदी पर पहुंच गई है,जबकि पैसेंजर वीइकल में हिस्सेदारी घटकर 36 फीसदी पहुंच गई है। 2019 के जनवरी-मार्च क्वॉर्टर में पैसेंजर वीइकल्स की सेल्स 2 फीसदी घटी है, जबकि ओवरऑल ग्लोबल पैसेंजर वीइकल मार्केट में 6 फीसदी तक गिरावट आने का अनुमान है।
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पैसेंजर कारों की ब्रिकी को लग सकता है बड़ा झटका,7 प्रतिशत की आ सकती है गिरावट