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लोकसभा चुनाव : चौथे चरण का मतदान सोमवार को - मतदान की तैयारी पूर्ण

लोकसभा चुनाव : चौथे चरण का मतदान सोमवार को - मतदान की तैयारी पूर्ण

लोकसभा चुनाव अपने पूरे  शबाब  पर  है  तीन  चरण का मतदान सफलता पूर्वक  पूर्ण करने  के बाद  सोमवार को चौथे चरण हेतु मतदान किया जाना है। इसके लिए सुबह 7:00 बजे से मतदान शुरु हो जाएगा। इस चरण में  9 राज्यों की कुल 71 सीटों पर मतदान होना है। इसके लिए 29 अप्रैल को वोट डाले जाएगें। इसमें उत्तरप्रदेश की 13, बिहार की 5, मध्यप्रदेश की 6, महाराष्ट्र की 17, उड़ीसा की 6, राजस्थान की 13, पश्चिम  बंगाल की 8, ओडिशा की 6, जम्मू कश्मीर की 1 तथा झारखंड की 1 सीट पर मतदान होना हैं।  इस चरण का मतदान तय कर देगा कि केंद्र में किसकी सरकार बनने वाली है। लेकिन यह चरण काफी कुछ साफ कर देगा कि केंद्र में किसकी सरकार आने जा रही है। इस चरण में 943 उम्मीदवार चुनावी मैदान में है। खास बात ये है कि इस चरण में पिछले चरण के मुकाबले सबसे ज्यादा दागी और करोड़पति उम्मीदवार चुनावी मैदान में अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। 
बात करें उत्तर प्रदेश की तो 29 अप्रैल को प्रदेश की 13 लोकसभा सीटों के लिये मतदान होगा। मतदान सुबह सात बजे शुरू होकर शाम छह बजे तक होगा। इस चरण में शाहजहांपुर, खीरी, हरदोई, मिश्रिख, उन्नाव, फर्रुखाबाद, इटावा, कन्नौज, कानपुर, अकबरपुर, जालौन, झांसी और हमीरपुर के लिये मतदान होगा। उन्नाव सीट से भाजपा के बयानवीर साक्षी महाराज, कांग्रेस अनु टंडन और सपा-बसपा से अरुणा शंकर शुक्ला मैदान में हैं। पिछड़े और दलित वोटों के दम पर पिछले चुनाव में साक्षी महाराज ने अनु टंडन को एक बड़े अंतर से हराया था। वहीं  फर्रुखाबाद सीट से भाजपा  सांसद मुकेश राजपूत, पूर्व केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद और बीएसपी-सपा के संयुक्त प्रत्याशी मनोज अग्रवाल मैदान में हैं। पिछले चुनाव में सलमान खुर्शीद मोदी लहर में यहां से चुनाव हार गए थे।  इटावा सीट से भाजपा की ओर राम शंकर कठेरिया, बीएसपी-सपा प्रत्याशी कमलेश कठेरिया औ कांग्रेस से अशोक दोहरे मैदान में हैं। इटावा मुलायम सिंह यादव का गढ़ रहा है। खास बात यह है कि इस सीट से सभी प्रत्याशी हैं। बीते चुनाव में अशोक दोहरे भाजपा के टिकट से चुनाव लड़े थे, लेकिन इस बार वह कांग्रेस में हैं। यह सीट भाजपा के लिए चुनौती है क्योंकि उसका वोट शेयर 46 फीसदी है तो सपा और बसपा का मिला देने पर 48 फीसदी हो जाता है। कानपुर सीट से इस बार भाजपा ने उनका टिकट काटकर एक और बुजुर्ग नेता सत्यदेव पचौरी को मैदान में उतारा है।  पिछली बार भाजपा के वरिष्ठ नेता डॉ. मुरली मनोहर जोशी चुनाव जीते थे। कांग्रेस ने पूर्व केंद्रीय मंत्री श्रीप्रकाश जयसवाल को टिकट दिया है। सपा-बीएसपी ने राम कुमार निषाद को टिकट दिया है। सत्यदेव पचौरी इस समय योगी सरकार में मंत्री हैं आरएसएस के वरिष्ठ नेता भी हैं। कन्नौज लोकसभा सीट से पूर्व सीएम अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव और बीजेपी से सुब्रत पाठक हैं। पिछले चुनाव में डिंपल यादव कड़े मुकाबले में सुब्रत पाठक को हरा पाई थीं। साल 1998 से इस सीट पर सपा का कब्जा है।
इस चरण में मध्यप्रदेश की सीधी, शहडोल, जबलपुर, मंडला, बालाघाट एवं छिंदवाड़ा में वोट डाले जाना हैं। मध्यप्रदेश की  छिंदवाड़ा और जबलपुर लोकसभा सीटें बड़ी महत्वपूर्ण मानी जा रही हैं। छिंदवाड़ा सीट से मुख्यमंत्री कमलनाथ के पुत्र नकुलनाथ मैदान पर और उनकी टक्कर भाजपा के आदिवासी नेता और पूर्व विधायक नत्थन शाह से हैं।  यह सीट मुख्यमंत्री कमलनाथ के लिए प्रतिष्ठा का विषय है। इस सीट से कमलनाथ 6 बार सांसद रह चुके हैं। वहीं जबलपुर में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सिंह के सामने कांग्रेस के राज्यसभा सांसद और वरिष्ठ नेता विवेक तन्खा चुनावी मैदान में हैं। 
बिहार की सीटों पर एक नजर डाले तो  बेगूसराय लोकसभा सीट पर केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह, कन्हैया कुमार और आरजेडी के तनवीर का कड़ा मुकाबला है। नवादा से भाजपा सांसद गिरिराज सिंह पहले यहां से चुनाव नहीं लड़ना चाहते थे लेकिन बाद में उनको पार्टी का आदेश मानना पड़ गया। वहीं जेएनयू छात्र संघ के नेता रहे कन्हैया कुमार सीपीआई के टिकट से चुनाव मैदान में है। मीडिया में काफी सुर्खियां बटोर चुके कन्हैया कुमार को अब जमीनी हकीकत का सामना करना पड़ा है। वहीं तनवीर हसन के पास मुस्लिमों का ठोस वोट है और बीते चुनाव में भी उन्होंने शानदार प्रदर्शन किया था।  उज्जियापुर लोकसभा सीट  से भाजपा के नित्यानंद राय और महागठबंधन से आरएलएसपी नेता उपेंद्र कुशवाहा मैदान में हैं। उपेंद्र कुशवाहा, बिहार के सीएम नीतीश कुमार के घोर निंदक हैं और उन्हीं के चलते एनडीए छोड़ने का फैसला किया था. इस चुनाव में उपेंद्र कुशवाहा का बहुत कुछ दांव पर लगा है।
राजस्थान की सीटें की चर्चा करें तो  जोधपुर लोकसभा सीट से भाजपा गजेंद्र सिंह शेखावत और कांग्रेस से वैभव गहलोत की टक्कर है। वैभव गहलोत, राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत के बेटे हैं और शेखावत केंद्रीय मंत्री हैं। एक तरह से देखा जाए तो यह सीट अशोक गहलोत के लिए प्रतिष्ठा का विषय बन गई है। वहीं  बाड़मेर लोकसभा सीट से वाजपेयी सरकार में कैबिनेट मंत्री जसवंत सिंह के बेटे मानवेंद्र सिंह को कांग्रेस ने टिकट दिया है और भाजपा  ने कैलाश चौधरी को उतारा है।  
पश्चिम बंगाल की सीटें की बात करें तो  आसनसोल सीट से केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो, टीएमसी से मुनमुन सेन, बिश्वरूप मंडल कांग्रेस से और सीपीईएम से गौरांग चटर्जी मैदान में हैं। पिछले चुनाव में बाबुल सुप्रियो ने यहां से जीत दर्ज की थी। पश्चिम बंगाल से बीजेपी को बहुत उम्मीदें हैं। ओडिशा की सीट में  केंद्रपाड़ा सीट पर  भाजपा  की ओर से बिजयंत पांडा, बीजेडी से अनुभव मोहंती, धरिंदर नायक कांग्रेस की ओर से चुनाव मैदान में हैं। बिजयंत पांडा बीजेडी के वरिष्ठ नेताओं में शामिल थे लेकिन नवीन पटनायक से मतभेदों के चलते उन्होंने भाजपा में शामिल होने का फैसला किया। 

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