नई दिल्ली । यूपी, पंजाब, हरियाणा और उत्तराखंड में पराली जलाने के चलते दिल्ली-एनसीआर की हवा और जहरीली हो गई है। पराली के धुएं के चलते हवा के प्रवाह में भी बाधा आ रही है। रविवार को दिल्ली के प्रदूषण में पराली जलाने की हिस्सेदारी करीब 40 फीसदी रही, जो सीजन में सबसे ज्यादा है। हवा की गुणवत्ता की निगरानी करने वाली पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय की एजेंसी सफर के मुताबिक, बीते एक दिन में पंजाब, हरियाणा, यूपी और उत्तराखंड में पराली जलाने की 3,216 घटनाएं दर्ज की गई।
दिल्ली में रविवार को वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 370 रहा, जो बेहद खराब श्रेणी में आता है। शनिवार को एक्यूआई 367 था, जबकि शुक्रवार को यह 374 रहा था। राजधानी में पीएम2.5 में पराली की हिस्सेदारी 40 फीसदी रही, जो शनिवार को 32 फीसदी थी। इससे पहले, पिछले साल एक नवंबर को प्रदूषण में पराली की हिस्सेदारी सबसे ज्यादा 44 फीसदी रही थी। नासा की सैटेलाइट तस्वीरों से हरियाणा, उत्तर प्रदेश और पंजाब के बड़े हिस्से में आग के बिंदुओं का बड़ा और सघन समूह दिखाई दिया। एजेंसी ने कहा, हवा की गति में सुधार के बावजूद पराली जलाने की घटनाओं के चलते वायु की गुणवत्ता में सुधार नहीं हुआ। रात के समय में प्रदूषक कण हवा में ठहर जाते हैं। हालांकि, आगामी दो दिन के भीतर हवा में मामूली सुधार होने की संभावना है, लेकिन इसके बाद तीन नवंबर से एक बार फिर हवा का स्तर खराब श्रेणी में जा सकता है। यह भी पराली जलाने पर निर्भर करेगा।
रीजनल नार्थ
दिल्ली-एनसीआर की हवा और जहरीली